किसान आंदोलन को अराजक बनाते वामपंथी

विचार डेस्कः वर्ग संघर्ष में यकीन रखने वाले वामपंथी और कुछ विपक्षी दल किसान आंदोलन को अराजक बनाने की भरसक कोशिश में हैं। किसान आंदोलन की आड़ में ये वामपंथी यहां तक कहते सुने जा सकते हैं कि अगर कोर्ट भी आपकी बात न सुने तो कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना करो, उसके खिलाफ […]

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कोरोना ने परिवारों को दिए जीने के अवसर

विचार डेस्कः वैश्विक महामारी कोविड-19 प्रबलतम क्षमता के साथ अभूतपूर्व चुनौती बनकर आ खड़ी है। इसने दुनिया को हतप्रभ कर चिकित्सा जगत के पुरोधाओं के होश उड़ा दिये हैं। संसार के सर्वाधिक धनाढ्य एवं संसाधन संपन्न देशों ने भी इसके आगे अपने घुटने टेक दिये। लेकिन एक ऐसा देश भी है जिसनें अपनी सकारात्मक सोच […]

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लोकतंत्र में यथा प्रजा तथा राजा

ए़डिटोरियल डेस्कः मतदान करने का हक ही असल में लोकतंत्र है। यह ऐसी व्यवस्था है जिसमें नागरिक स्वेच्छा से दूसरे नागरिक को समाजहित और देशहित में स्वयं पर शासन करने का अधिकार देता है। यह व्यवस्था संविधान के तहत पूर्व निर्धारित नियमों से संचालित होती है। लेकिन यह तभी   सफल है जब नागरिक अपने मताधिकार […]

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फिल्म पदमावत् विवाद

विचार डेस्कः पदमावत् फिल्म को सीबीएफसी ने सर्टिफिकेट दे दिया। फिल्म रिलीज की तारीख भी घोषित हो गई। लेकिन राजपूत समाज की आपत्तियां अभी भी बरकरार हैं। फिल्म अपनी शुरुआत से ही विवादों में घिरी है। करीब डेढ़ साल पहले इस फिल्म के निर्माता संजय लीला भंसाली के साथ हुई मारपीट के बाद यह विवाद […]

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छोटी मुलाकात बड़ी बात

  दिल्ली के प्रगति मैदान में विश्वपुस्तक मेला-2018 का आयोजन हो रहा है। बचपन से ही मुझे किताबें अपनी ओर खींचती है। इसलिए पुस्तक मेला हो और मैं न जाऊ ऐसा मश्किल है। मैंने अपने दफ्तर के अवकाश के दिन वहां जाना तय किया। इस विषय में अपने मित्र श्रवण से बात की तो वह […]

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रोहित के सवाल पर बवाल क्यों ?

    विचार डेस्कः मशहूर पत्रकार रोहित सरदाना के एक ट्वीट पर बहुत बवाल होते देखा तो विचार किया कि ट्वीट को फिर से पढ़ लिया जाए। रोहित सरदाना ने ट्वीट में पांच नामों का जिक्र किया है- राधा, दुर्गा, फातिमा, आयशा और मैरी। यहां तक तो सब ठीक था पर कुछ तथाकथित बुद्धिजीवियों से सवाल पूछते हुए रोहित […]

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गौरी लंकेश की हत्या…

मैं पेशे से पत्रकार हूं इसलिए आज जब किसी पत्रकार की हत्या की खबर सुनता हूं तो मुझे ऐसे लगता है जैसे मेरे ऊपर ही हमला हुआ हो । गौरी लंकेश की हत्या जिसने भी की है, वह अपराधी है। उसे हर कीमत पर सजा मिलनी ही चाहिए। इसमें कोई दोराय नहीं है। किसी की […]

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आज राजनीति मतलब ‘राज’ करने की ‘नीति’

बिहार के ताजा घटनाक्रम ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि आज के दौर की राजनीति में कोई सिद्धान्त नही हैं। आज राजनीति केवल ‘राज’ करने की ‘नीति’ तक सीमित हो गई है। सिद्धान्त का झुनझुना जनता को बहलाने का बस साधन भर है ।  राजनीति के पंडित आज नीतीश के कदम पर […]

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असफलता से सफलता की ओर

आज दुनिया पहले की तुलना में काफी बदल चुकी है। हर दिन के साथ, इसके बदलने की रफ्तार बढ़ती ही जा रही है। बदलाव संसार का नियम भी है और जरूरत भी। उसी तरह, कुछ लोग किसी की सफलता और असफलता का पैमाना किसी एक हार जीत से लगाने लग जाते है। यही दबाव व्यक्ति […]

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अमरनाथ यात्रियों पर आतंकी हमला

अमरनाथ यात्रियों पर हुए आतंकी हमले ने एक बात तो तय कर दी है कि अब हमले की कड़ी निंदा करने का समय निकल गया है बल्कि कड़े फैसले लेने का समय आ गया है। आए दिन हो रहे आंतकी हमलों मे मरते जवानों से भारतीय जनता का सब्र अब टूट रहा है। विपक्ष में […]

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