भारत से बहरीन में मात खाया पाकिस्तान और चीन का गठजोड़।

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आपको बता दे बहरीन में इंटरनेशनल एयर शो का आयोजन शुरू हुआ है जो 21 जनवरी से 23 जनवरी तक चलेगा। इसमें दुनिआ के कई देश अपने लड़ाकू जहाजो का प्रदर्शन करने जा रहे है। इसमें भारत ने भी अपने यंहा निर्मित तेजस को वहां भेजा है। इसका फैसला प्रधानमंत्री कार्यलय स्तर पर लिया गया था। जिसमे खास तौर पर तेजस का मुकाबला पाकिस्तान और चीन के सयुंक्त रूप से विकसित लड़ाकू जहाज जेअफ-17 से था लेकिन मुकाबला होने से पहले ही पाकिस्तान ने इस एयर शो से अपना नाम वापस ले लिया है। यानि मुकाबले ने उतरने से पहले है तेजस ने जेअफ- 17 को मात दे दी है। 
हलाकि दोनों अपने जहाज अपने स्तर पर काफी अच्छे है फिर भी तेजस कई बिन्दुओ में जेएफ-17 को मात देता है। आइये जानते है इनकी विशेताए । 


तेजस vs जेएफ-17 

तेजस में आधुनिक टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल किया गया है वही जेएफ-17 का एयर फ्रेम पुरानी टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल हुआ है। तेजस का एयर फ्रेम कम्पोजिट फाइबर का बना है जो इसे हल्का और फुर्तीला बनाता है। जबकि जेएफ-17 का एयर फ्रेम एल्युमीनियम और स्टील का बना है जो इसे भारी बनाता है। तेजस की अधिकतम गति 1920 किलोमीटर प्रति घंटा है जबकि जेएफ-17 की गति 1900 किलोमीटर प्रति घंटा है। तेजस को टेक ऑफ के लिए 400 मीटर का रनवे चाहिए जबकि जेएफ-17 को 600 मीटर का। तेजस हवा में ही ईंधन भरने की क्षमता रखता है जबकि जेएफ-17 ऐसा नहीं कर सकता। तेजस को लम्बे समय तक उड़ाते रहने से पायलट थकते नहीं है जबकि जेएफ-17 को उड़ने पर पायलट थक जाते है। तेजस का राडार 100 किलोमीटर से आते हुए लक्ष्य  को भी देख सकता है जबकि जेएफ-17 75 किलोमीटर पर ही काम करना बंद कर देता है। तेजस किसी भी मौसम में उड़ने में सक्षम है जबकि जेएफ-17 ख़राब मौसम में लडख़ड़ाने लगता है। तेजस को भारतीय वैज्ञानिको ने विकसित किया है जबकि जेएफ-17 का डिज़ाइन रशिया ने किया था अपने लिए, लेकिन इसे बाद में रिजेक्ट कर दिया था। चीन ने इस रिजेक्टेड डिज़ाइन को लिया और आगे चल कर पाकिस्तान के साथ मिलकर बनाया जेएफ-17 । 
तेजस अन्य खूबियों से भी सुसज्जित है। इसमें 23 mm की गन लगी है। जो इसकी मारक क्षमता को घातक बनाता है। 17 डिग्री पर तेजस टर्न ले सकता है जो इसे और फुर्तीला बनाता है। इसके लेज़र गॉइडिड मिसाइल की सटिकता 0.5 मीटर है। इसका वजन 6500 किलोग्राम है। यह 1500 से ज्यादा सफलतापूर्ण टेस्ट फ्लाई कर चूका है। 

भारत ने इस पर 1983 में काम करना शुरू कर दिया था। भारत का पहला आधुनिक विमान मारुत था। तेजस  65% स्वेदशी है। इसका इंजन 404 हम अमेरिका से ख़रीदेते है। 2016 के अंत तक इसका बड़े स्तर निर्माण भारत में शुरू हो जाएगा। तेजस को विकसित करने में अब तक 25000 हजार करोड़ रूपये की लागत आई है।    

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