
नेशनल डेस्क: महाराणा प्रताप एन्क्लेव, पीतमपुरा के लोग ‘रेणुका’ को एक आम महिला के रूप में जानते थे, जो अपने रोजमर्रा के कामों में व्यस्त रहती थी। लेकिन उसकी असलियत चौंकाने वाली निकली – वह दरअसल कुख्यात नक्सली चंपा हेमरम थी, जिस पर सुरक्षाबलों के साथ कई मुठभेड़ों और गंभीर मामलों में शामिल होने के आरोप थे।
🔹 फर्जी पहचान में रह रही थी चंपा हेमरम
रेणुका के रूप में अपनी पहचान बनाए हुए चंपा सालों से दिल्ली में रह रही थी, लेकिन 4 मार्च को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने उसकी सच्चाई उजागर करते हुए उसे गिरफ्तार कर लिया।
🔹 कैसे बनी मासूम चंपा नक्सली?
चंपा हेमरम का जन्म 2002 में झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के कुदाबुरा गांव में हुआ था। वह एक किसान परिवार में पली-बढ़ी और उसके तीन भाई व दो बहनें हैं।
🔹 10 साल की उम्र में माओवादियों ने किया भर्ती
जब चंपा सिर्फ 10 साल की थी, तब एक माओवादी भर्तीकर्ता उसके परिवार के पास पहुंचा और उसे बेहतर भोजन, देखभाल और सुरक्षा का लालच देकर अपने साथ ले गया।
🔹 कई अपराधों में थी शामिल
गिरफ्तारी के बाद पुलिस को चंपा के खिलाफ कई मामलों की जानकारी मिली है, जिसमें सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ और अन्य नक्सली गतिविधियां शामिल हैं। फिलहाल पुलिस इस मामले की गहराई से जांच कर रही है।