नई दिल्ली डैस्क: राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त एवं अनेक शिक्षा, सामाजिक उत्थान व नारी सशक्तिकरण संगठनों का नेतृत्व करने वाली श्रीमती दर्शना गुप्ता की स्मृति में दिल्ली स्थित एनडीएमसी कन्वेंशन हाल में विशेष कार्यक्रम का आयोजन भिवानी परिवार मैत्री संघ द्वारा किया गया।
कार्यक्रम का आरंभ संगीतांजलि से किया गया, जिसमें लोकप्रिय गायक स्वामी संजय प्रभाकरानंद ने अपने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम के भावांजलि सत्र में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, पूर्व केन्द्रीय मंत्री संतोष बगडोदिया, हंसराज कॉलेज की प्राचार्या डॉ. रमा शर्मा एवं अग्रवाल समाज के स्तम्भ प्रदीप मित्तल, बालकिशन अग्रवाल, सुरेन्द्र गुप्ता, गोपालशरण गर्ग, शिवरत्न गुप्ता, अशोक बुवानीवाला, अरुण अग्रवाल ने दर्शना जी को याद करते हुए उनके जीवन के अनेक महत्वपूर्ण संस्मरण सुनाए।
दर्शना गुप्ता से जुड़ा एक-एक संस्मरण वक्ताओं के मुंह से निकलता गया और देखते ही देखते खचाखच भरे हाल में जैसे भावनाओं का समन्दर हिलोरे लेने लगा। वक्ताओं के शब्दों से ऐसा माहौल बन गया कि हर कोई निशब्द, पिन ड्राप साइलेंस… आंखों से टप-टप गिरकर जमींदोज होते आंसू। दर्शना गुप्ता की निर्णय क्षमता, समाज कल्याण की उनकी ललक, हर किसी तक सोशल जस्टिस पहुंचाने की उत्कंठा, नारी सशक्तिकरण की दिशा में उनके द्वारा किए गए कार्य, टार्गेट तय करने के बाद उसे अंजाम तक पहुंचाने के लिए अथक-निरंतर कोशिशें करने की उनकी विलक्षण क्षमता को वक्ता अपने-अपने अंदाज में कहते गए। हालांकि ऐसा करते वक्त किसी वक्ता का गला रुंधा था तो श्रोताओं की आंखें गंगा-जमुना बन गई थीं।
पीड़ित व जरूरतमंद को स्नेह देना सबसे बड़ी सेवा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने दर्शना गुप्ता जी को भावांजलि देते हुए कहा कि स्पष्ट निर्णय लेने की जो खूबी-खासियत दर्शना गुप्ता में थी, वह बहुत कम महिलाओं में दिखाई देती है। किसी की मदद करना सामान्य बात है लेकिन किसी अभावग्रस्त, पीड़ित व जरूरतमंद व्यक्ति को स्नेह देना सबसे बड़ी सेवा कहलाती है। दर्शना जी ने अपने जीवन में यही करके दिखाया। ऐसी उपलब्धि हर किसी को नहीं मिलती।
काव्याजंलि सत्र: कार्यक्रम के अत्यंत महत्वपूर्ण काव्याजंलि सत्र में प्रमोद शर्मा के संचालन में देश के मूर्धन्य कवि दिनेश रघुवंशी, गजेंद्र सोलंकी, राजेश चेतन, राजेन्द्र कलकल, रेखा गुप्ता, बलजीत कौर, परम सचिन शालीन ने अपनी रचनाओं और दर्शना गुप्ता की स्मृतियों से जुड़े संस्मरणों को भावपूर्ण शब्दों में पिरोकर सभी उपस्थित महानुभावों को भाव विभोर कर दिया।
कार्यक्रम के अंत में दर्शना गुप्ता जी के जीवन पर आधारित एक डाक्यूमेंट्री प्रदर्शित की गई जिसमें शिक्षा,संस्कृति,समाज कल्याण में उनकी सहभागिता, उपलब्धियों को प्रभावशाली तरीके से दिखाया गया।
दर्शना का दर्शन
वह दर्शना गुप्ता ही थीं जिन्हें दुखियों का दर्द दिखता था, वह दार्शनिक भी थीं, दर्शन भी ऐसा कि दुनिया में कोई दुखी न रहे। दर्शना दोस्तों की दोस्त थीं, दोस्ती को निभाना वह जानती थीं। समाज के प्रति अपने दायित्व को दीवानगी की हद तक निभाती थीं। एक साथ ढाई सौ गरीब कन्याओं की शादी करवा कर उन्होंने मिसाल कायम की। आदर्श महिला महाविद्यालय समेत अनेक शिक्षण संस्थानों का नेतृत्व कर नारी स्वावलंबन व सशक्तिकरण का दायित्व भी उन्होंने निभाया राष्ट्रीय नारी शक्ति पुरस्कार से सम्मानित करते वक्त प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दर्शना गुप्ता को सामाजिक प्रेरणा का नाम दिया था।