Bhupinder Singh Hooda को मिली राहत, हाई कोर्ट का आया ये निर्णय

हरियाणा

Bhupinder Singh Hooda

हरियाणा डैस्क: पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट की एकल पीठ, जो मानेसर भूमि घोटाला (Manesar Land Scam) मामले की सुनवाई कर रही थी, ने इस मामले को मुख्य न्यायाधीश के पास भेजा है। मुख्य न्यायाधीश यह तय करेंगे कि यह मामला सांसदों/विधायकों के मामलों की सुनवाई करने वाली विशेष पीठ सुनेगी या फिर सी.बी.आई. मामलों की सुनवाई करने वाली पीठ  सुनेगी। इसका अर्थ है कि मानेसर भूमि घोटाला मामले में, जिसमें हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा आरोपी हैं, इस पर लगी रोक तब तक जारी रहेगी जब तक मुख्य न्यायाधीश इस मामले पर निर्णय नहीं ले लेते।

पीठ का यह निर्णय हुड्डा के लिए राहत लेकर आया है। क्योंकि पंचकूला स्थित विशेष सी.बी.आई. अदालत में इस मामले की सुनवाई पर लगी रोक सोमवार तक थी। आरोपियों की ओर से पेश हुए वकील अर्शदीप सिंह चीमा ने पुष्टि की, कि उन्होंने इस मुद्दे को उठाया कि चूंकि आरोपियों में से एक पूर्व मुख्यमंत्री हैं, इसलिए इस मामले की सुनवाई सांसदों/विधायकों के मामलों के लिए नामित विशेष पीठ द्वारा की जानी चाहिए। इस पर, पीठ ने मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय से अब स्पष्टता मांगी है। तब तक इस मामले की सुनवाई पर रोक जारी रहेगी।

AI Generated Image

4 साल से जारी है रोक

9 जनवरी को, न्यायमूर्ति मंजरी नेहरू कौल ने सी.बी.आई. की उस याचिका पर सुनवाई के बाद, जिसमें मामले की लंबी लंबित स्थिति का जिक्र किया गया था, यह स्पष्ट किया था कि मुकदमे पर रोक का आदेश 27 जनवरी के बाद समाप्त हो जाएगा। सी.बी.आई. ने न्यायमूर्ति कौल के समक्ष अपनी याचिका में अदालत से अनुरोध किया था कि मामले की सुनवाई के लिए एक निश्चित तिथि तय की जाए ताकि पिछले 4 वर्षों से चल रही रोक को समाप्त कर, इस मामले का निपटारा किया जा सके।

बिल्डरों और कंपनियों को पहुंचाया लाभ

इस घोटाले में, हुड्डा मुख्य आरोपियों में से एक हैं, जिनके साथ ही कुछ पूर्व नौकरशाह, जिनमें एस.एस. ढिल्लों, छत्तर सिंह और एम.एल तायल शामिल हैं, भी आरोपी हैं। ये सभी अलग-अलग समय पर तत्कालीन मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में कार्यरत थे। इनमें से एक नौकरशाह हरियाणा के गृह सचिव के रूप में सेवानिवृत्त हुए थे। साथ ही, इस मामले में कुछ बिल्डरों का भी नाम शामिल है।

हुड्डा और इन नौकरशाहों के खिलाफ मुकदमा दिसंबर 2020 में रुक गया था जब इन नौकरशाहों ने हाई कोर्ट का रुख किया था। मानेसर भूमि घोटाले में आरोप है कि गुरुग्राम जिले के मानेसर और आसपास के गांवों के किसानों से “सार्वजनिक उपयोग” के नाम पर सस्ते दामों पर सैकड़ों एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई और बाद में उसे रियल एस्टेट कंपनियों/बिल्डरों/ कॉलोनाइजर्स को लाइसेंस देकर, विशेष रियायतें और फायदे दिए गए।

सी.बी.आई. ने इस मामले में 17 सितंबर 2015 को एफ.आई.आर. दर्ज की थी। इस मामले में हुड्डा, पूर्व वरिष्ठ नौकरशाहों और बिल्डरों के खिलाफ पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में चार्जशीट पहले ही दाखिल की जा चुकी है।

support सहयोग करें

प्रजातंत्र एक राष्ट्रवादी न्यूज पोर्टल है। वामपंथी और देश विरोधी मीडिया के पास फंड की कोई कमी नहीं है। इन ताकतों से लड़ने के लिए अपनी क्षमता अनुसार हमारा सहयोग करें।

Tagged

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *