आमिर खान के बेतुके बोल !

दोहरा चरित्र

आमिर खान ने रामनाथ गोयनका अवार्ड समारोह में एक बयान दिया। जिसमे उन्होंने कहा “व्यकितगत रूप से, इस देश के हिस्से के रूप में, इस देश के नागरिक के रूप में, हम न्यूज़ पेपर पढ़ते है कि क्या हो रहा है ? हम यह समाचारों में देख सकते है और निश्चित रूप से इसने मझे चिंतित कर दिया है।

जब मै किरण से घर में बात करता हूँ, वह कहती है कि “क्या हमे भारत छोड़ देना चाहिए” वह डरती है कि हमारे आस पास का माहौल कैसा होगा। वह डरती है न्यूज़ पेपर खोलने से हर दिन।” आगे आमिर खान कहते है कि “यह संकेत करता है एक बेचैनी की भावना बढ़ रही।

आमिर खान के बयान ने मुझे ये सोचने पर मजबूर कर दिया है कि इस देश में क्या सच में असहिष्णुता है ? क्या सच में हम अब सहिष्णु नहीं रहे ? 18 महीने की बीजेपी सरकार ने ऐसा क्या किया जो सभी लोग असहिष्णुता का मुददा उठा रहे है ? कुछ तो होगा जो इतने बड़े सितारे को ये बोलने के लिए मजबूर होना पड़ा कि देश अब रहने लायक नहीं रहा। इन सब के बीच में मै आमिर खान से और साथ में ही शाहरुख खान से ये पूछना चाहता हूँ कि आप जितने बड़े कलाकारों को जिन्हें प्रदेश सरकार की तरफ से सुरक्षा मुहैया है और आप लोग खुद के भी बॉडीगार्ड रखते है उसके बाद भी आपको डर लग रहा है क्यों ? ये बात सोचने को मजबूर करती है अगर आप अपने बारे में नहीं और देश के माहौल के बारे में बात कर रहे है तो मेरा एक सवाल ओर है दोनों खान से कि 2013 में मुज्जफरनगर में दंगे हुए थे जो उस समय के सबसे भयानक दंगो में से एक थे उस पर आप मौन क्यों थे ? अगर बात बोलने की आजादी पर बात करे तो जब तसलीमा नसरीन को यंहा से भागना पड़ा तो आप क्यों मौन थे? जब कमल हसन की फिल्म “विश्वरूपम” को मुस्लिम संगठनों ने रिलीज़ नहीं होने दिया तो आप क्यों मौन थे ? 1984 पर मौन क्यों थे ? जब हजारो पंडितो को कश्मीर में मारा गया, लाखो को अपना घर छोड़ कर भागना पड़ा, जब न्यूज़ पेपर में विज्ञापन देकर जान से मारने की और घर छोड़ने की धमकी दी जाती थी, जब असम में हिन्दुओ को मारा जा रहा था, जब हैदराबाद में 100 करोड़ हिन्दुओ को मारने की धमकी दी जा रही थी, जब श्री राम की माता जी के चरित्र पर सवाल खड़े किये जा रहे थे तब आप क्यों मौन थे ? ऐसे ही कितने सवाल है मन में जो आप से पूछने है ?

आप तब भी नहीं बोले जब हिन्दुओ का नर संहार करने वाले टीपू सुलतान की जयंती कर्नाटका की कांग्रेस सरकार मना रही थी। यह तो वही बात हुई कि आप घाव को छेडो और कोई आह भी न करे।

मै समझता हूँ आप कलाकार है आप हर बात पर नहीं बोल सकते किन्तु आप अखलाख की मौत पर बोलते है उस पर आपको देश असहिष्णु लगता है परन्तु आप कन्नौज में जब महेश शर्मा को पूजा के दौरान गुलाल डलने पर मुस्लिम समुदाय के युवक ने गोली मार कर हत्या कर दी जाती है और ये खबर मीडिया या किसी प्राइम टाइम की डिबेट का हिस्सा भी नहीं बनती तब असहिष्णुता नहीं है।

जब एक साल पहले किसी ने आप से पूछा की आप अपने बच्चो को कौन सा धर्म अपनाने के लिए कहेगे क्योकि आपकी पत्नी हिन्दू है तो आप ने कहा इस्लाम। यह बात आप ने एक साल पहले कही थी पर यह कोई मुददा नहीं बनता क्योकि आप मुसलमान है परन्तु इस बयान ने आप की मानसिकता को काफी हद तक सबके सामने ला दिया।

किसी महान व्यक्ति ने कहा है कि

“चरित्र तीन तरह का होता है एक जो वह दिखाता है, दूसरा जो वह होता है और तीसरा जो वह खुद के बारे में समझता है “

किस देश में जाना पसंद करेगे आमिर आप ?

आप किस देश में जाना पसंद करेगे जिसमे आप की नजर में असहिष्णुता न हो एक नजर डालते है।:-
पहले पाकिस्तान की बात करे तो 1947 में 24% जनसँख्या हिन्दुओ की थी जो आज 1% से भी कम है। बांग्लादेश में 1947 में हिन्दू जनसँख्या 31% थी जो आज 8% से भी कम है।

भारत में मुस्लिम जनसँख्या 1947 में 11% थी पर अब 20% है। भारत में मुस्लिम जनसँख्या उसी रेट से बड़ी है जिस रेट से पकिस्तान में। इस बात से आप अंदाजा लगा सकते है कि भारत सहिष्णु देश है या नहीं। चलो अब चलते है विकसित देशो की ओर अमेरिका जो पूरी दुनिया को नसीहत देता फिरता है, जरा उसकी भी तस्वीर देख लो अगर आप एअरपोर्ट पर पहुचेगे तो खान शब्द देखते ही वह आपको बता देंगे कि सहिष्णु देश कौन सा है ? अमेरिका की बात करे तो अठारहवीं शताब्दी से लेकर आज तक एक लम्बी फेहरिस्त है, असहिष्णुता के सैंकड़ो उदाहरण है जैसे वंहा काले गोरे को लेकर भेदभाव आज भी है, परन्तु वंहा के लोग उसे उछालते नहीं है। इंग्लैंड में रेसिस्म आज भी मौजूद है जो आंकड़ो के मुताबिक 2014-2015 में बढ़ा है। फ्रांस जो लोकतंत्र और व्यकितगत आजादी के लिए मशहूर है लेकिन बुर्का बैन है। वंहा मस्जिदों पर cctv से नजर रखी जाती है। जर्मनी में एक संघटन है PEGIDA (Patriotic Europeans Against the Islamisation of the West) जो मुस्लिमो का और मुस्लिम शर्णार्थियो का विरोध करते है। चलो इन सबको हम छोड़ देते है सऊदी अरब जाते है क्योकि यही एक मुस्लिम देश है जो सम्पन्न है और सुरक्षित भी लेकिन यंहा पर मेरी सलाह है कि वंहा जाने के बाद आप अपनी जुबान पर ताला लगा ले क्योकि वंहा की सरकार अपने खिलाफ बोलने वाले को जेल में डाल देती है तो जाने से पहले किरण जी से कहना हिजाब में रहने की आदत डाले और अगर आप वंहा पक्के और सच्चे मुसलमान ना माने जाए क्योकि आप अरब के मुसलमान नहीं है तो चिंता मत करना। भारत सदियों से सबको और सभी धर्मो को शरण देता आया है तो आपका फिर से स्वागत होगा।

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