नहीं रूठता अब दिल किसी से,
ना चाहत है अब मनाने की,
ना चाहत है अब मनाने की,
टुकड़ो में है अब जिंदगी,
ना हसरत रही कुछ पाने की,
ना हसरत रही कुछ पाने की,
जी रहा हूँ सिर्फ जीने के लिए,
आदत नहीं है हार जाने की,
आदत नहीं है हार जाने की,
है ख्याल अब भी कि कुछ तो होगा,
जिंदगी यु ना चलती सबक बनाने की,
जिंदगी यु ना चलती सबक बनाने की,
क्या खोया क्या पाया,
अब वक़्त कहाँ ये दांस्ता गुनगुनाने की ॥
अब वक़्त कहाँ ये दांस्ता गुनगुनाने की ॥
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