आंदोलन को धार देने के लिए अम्बेड़कर की तस्वीर लगाएंगे, पर उनका कहा नहीं बताएंगे

25 नवंबर, 1949 को बाबा साहेब ने संविधान सभा में कहा था, कि हमें संवैधानिक तरीके से सामाजिक और आर्थिक उद्देश्यों को प्राप्त करना चाहिए। इसका अर्थ है कि हमें सविनय अवज्ञा, असहयोग और सत्याग्रह के मार्ग को छोड़ देना चाहिए।

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सवाल तो उठेंगे ही, जवाब भले ही न दें किसान नेता

एडिटोरियल डेस्कः किसान आंदोलन को 51 दिन बीत चुके हैं। लेकिन इन 51 दिनों में किसान आंदोलन के बदलते रंग मन में सवाल खड़े करते हैं। खालिस्तान जिंदाबाद, हाय-हाय मोदी मर जा तू, देशद्रोह के आरोपितों को छोड़ने की बात, खालिस्तानी आतंकियों के नाम से लंगर, उनसे जुड़ा साहित्य खुले रूप से बिकना, मोदी को […]

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किसान आंदोलन को अराजक बनाते वामपंथी

विचार डेस्कः वर्ग संघर्ष में यकीन रखने वाले वामपंथी और कुछ विपक्षी दल किसान आंदोलन को अराजक बनाने की भरसक कोशिश में हैं। किसान आंदोलन की आड़ में ये वामपंथी यहां तक कहते सुने जा सकते हैं कि अगर कोर्ट भी आपकी बात न सुने तो कोर्ट के आदेश की भी अवहेलना करो, उसके खिलाफ […]

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सरकार और किसान संगठनों के बीच नहीं बनी बात, अगली बैठक 15 जनवरी को

नेशनल डेस्कः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने 8जनवरी को नई दिल्ली के विज्ञानभवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से 8वें दौर की वार्ता हुई। हालांकि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। हालांकि इस संबंध में कोर्ट में 11 जनवरी […]

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