नेशनल डेस्क:जब भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में आतंक के अड्डों को ध्वस्त किया, उसी समय कुछ भारतीय नेताओं के बयान पाकिस्तान के प्रोपेगंडा का हथियार बन गए। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर ‘नरेंद्र सरेंडर’ का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने अमेरिकी दबाव में पाकिस्तान से संघर्षविराम किया। इसके बाद पाकिस्तानी मीडिया ने इसे भारत की पराजय के रूप में प्रस्तुत किया।
राहुल गांधी ने यह भी दावा किया कि भारत ने हमले से पहले पाकिस्तान को सूचित किया, जबकि विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह सूचना हमले के बाद दी गई थी। ऐसे बयान न केवल भारत की वैश्विक छवि को नुकसान पहुंचाते हैं, बल्कि दुश्मन के नैरेटिव को भी बल देते हैं।