हरियाणा डेस्कः तीन कृषि कानूनों के विरोध के बीच हरियाणा सरकार ने रबी की फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य ( MSP) पर खरीदने के लिए मंडी स्तर की तैयारी कर चुकी है। रबी फसलों की खरीद दो चरणों में होगी। खरीद की शुरुआत 1 अप्रैल से होगी। डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने बताया कि गेहूं व सरसों की सरकारी खरीद हरियाणा सरकार एक अप्रैल से शुरू करेगी। वहीं, जौ, चना और दालों की एमएसपी पर खरीद 10 अप्रैल से होगी। अगर किसी ट्रांसपोर्टर ने 48 घंटे में मंडी से फसल का उठान नहीं किया तो उस पर जुर्माना लगाया जाएगा। इस संबंध में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने रबी फसलों की खरीद को लेकर उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की।
खरीद प्रक्रिया को सुगम बनाने और किसानों- आढ़तियों को किसी प्रकार की समस्या न आए और कृषि उत्पादों का समय पर उठान हो इस बारे में बैठक में आवश्यक निर्देश दिए गए। उन्होंने कहा कि किसानों को अपनी फसल बेचने में किसी प्रकार की समस्या किसी भी स्तर पर नहीं आनी चाहिए।
अपनी फसल अपना ब्यौरा पर कराएं पंजीकरण
डिप्टी सीएम ने कहा कि “अपनी फसल अपना ब्यौरा” पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाने वाले किसानों का गेहूं, सरसों, जौ, दाल-चने की फसल का एक-एक दाना, हरियाणा सरकार एमएसपी पर खरीदेगी। बता दें कि अभी तक करीब 7 लाख किसान पंजीकरण करा चुकें हैं।
48 घंटों के भीतर फसल की राशि पहुंचेगी अकाउंट में
डिप्टी सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों का जे-फार्म कटने के 48 घंटों के भीतर किसानों के खातों में फसल की राशि पहुंच जानी चाहिए। मंडियों में पर्याप्त संख्या में झारनों, बारदाने, सिलाई मशीनें सनिश्चित करें।
डिप्टी सीएम ने बताया कि अब तक करीब साढ़े सात लाख किसानों ने अपनी फसल बेचने के लिए पंजीकरण करवाया है। किसानों को उनकी फसल मंडियों में बेचने लाने के लिए अग्रिम सूचित किया जाएगा। फसलों का समय पर भुगतान हो, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को किसानों और आढ़तियों के खातों को वैरिफाई करने के निर्देश दिए गए हैं।
कौन-कौन सी होती हैं रबी की फसलें
रबी की फसलें सामान्यतः अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती हैं जबकि कटाई मार्च और अप्रैल में होती है। रबी की फसलों को पकने के लिए कम तापमान, शुष्क और गर्म वातावरण की जरूरत होती है। रबी की फसलो में गेंहू, जौ, जई, तोरिया, राई और सरसों, मक्का, राजमा, चना, आलू, मशरूम, मटर और मसूर इत्यादि की फसलें होती हैं।