आईएनएस कदमत्त को 7 जनवरी 2016 को विशाखापटनम के नेवल डाकयार्ड में, नेवी प्रमुख आर. के. धोवन ने देश को समर्पित किया। इसका नाम भारत के कदमत्त द्वीप के नाम पर रखा गया है। इसका निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर एंड इंजीनियर्स ऑफ़ कोलकत्ता ने किया है। आईएनएस कदमत्त पूर्वी नेवल कमांड के अंतर्गत अपनी सेवाए देगा।
आईएनएस कदमत्त किसी भी पनडुब्बी के वॉर को रोकने में सक्षम है। इसका वजन 3000 टन है और यह 45 किलोमीटर की रफ़्तार से चल सकता है। यह एक बार में 5550 किलोमीटर की दुरी तय कर सकता है। इसमें इस एक खास तरह की तकनीक का इस्तेमाल हुआ है जिससे दुश्मनो को इसे ढूढ़ना मुश्किल होगा। यह खास तौर पर पनडुब्बी को नष्ट करने के लिए ही बनाया गया है। इस पर एक हेलीकाप्टर को भी रखा जा सकता है जो इसकी पहुंच को और बढ़ा देता है।