नेशनल डेस्कः कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, रेल मंत्री श्री पीयूष गोयल और वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री सोम प्रकाश ने 8जनवरी को नई दिल्ली के विज्ञानभवन में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों से 8वें दौर की वार्ता हुई। हालांकि इस बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकला। अगली बैठक 15 जनवरी को होगी। हालांकि इस संबंध में कोर्ट में 11 जनवरी को होनी है। सरकार ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि तीनों कृर्षि बिलों को रद्द नहीं किया जाएगा। लेकिन किसानों द्वारा दिए गए सुझावों पर जरूर गौर किया जाएगा।
कृषि मंत्री ने कहा कि कृषि सुधार कानूनों को देशव्यापी समग्रता की दृष्टि से एवं देश के किसानों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है। सरकार को किसानों की पूरी चिंता है। सरकार चाहती है कि आंदोलन जल्द से जल्द समाप्त हो, परन्तु सरकार के सुझाव के अनुसार विकल्पों पर अभी तक चर्चा न होने के कारण उचित निर्णय तथा समाधान नहीं हो पाया है।
कृर्षि मंत्री ने की किसानों की तारीफ
किसानों द्वारा अब तक आंदोलन को अनुशासित रखने पर कृषि मंत्री ने किसान संगठनों के प्रतिनिधियों की तारीफ की। सरकार किसान प्रतिनिधियों के साथ खुले मन से चर्चा करके समाधान करने का हरसंभव प्रयास कर रही है। यदि विकल्पों के आधार पर चर्चा होगी तो सरकार तर्कपूर्ण समाधान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
किसान संगठनों ने सरकार से जताई असहमति
सरकार द्वारा तीनों कृषि सुधार कानूनों के हर क्लॉज पर चर्चा करने का अनुरोध किया। लेकिन किसान संगठनों ने इस परअपनी असहमति जताई और कानून को रद्द करने की मांग की। कृषि मंत्री कहा कि किसान संगठन असहमत हों या उन्हें कोई आपत्ति हो तो उसे सरकार के संज्ञान में लाया जा सकता है, तब उन पर यथोचित विचार करके संशोधन किया जा सकता है। लगातार लंबी चर्चा करने के बावजूद आज कोई विकल्प नहीं निकल पाया तत्पश्चात सरकार व किसान संगठनों ने 15 जनवरी, 2021 को दोपहर 12 बजे अगली बैठक में आगे की चर्चा करने पर अपनी सहमति प्रदान की।