धर्म डेस्कः इस वर्ष मौनी अमावस्या 11 फरवरी यानी गुरुवार को होने का संयोग कई वर्षों बाद बना है। मौनी अमावस्या के दिन श्रवण नक्षत्र में चंद्रमा और 6 ग्रह मकर राशि में होने से महायोग बना है। इस योग को महोदय योग के नाम से जाना जाता है। महोदय योग में कुंभ की डुबकी और पितरों का पूजन करना बहुत ही शुभ फलदायी माना गया है।
ऐसा करने से मिलेगा हजारों वर्षों की तपस्या का पुण्य
पंडित दीप लाल जयपुरी के अनुसार मौनी अमावस्या के दिन महोदय योग में तिल का दान और भगवान विष्णु को तिल और दीप अर्पित करना बहुत ही शुभ फलदायी कहा गया है। इससे पाप का क्षय होता है और स्वर्ग की प्राप्ति होती है। धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि माघ के महीने में जो अमावस्या लगती है, उसे मौनी अमावस्या कहते हैं। इस दिन मौन व्रत रखने और मुख से कटु शब्द ना निकलने से मुनि पद की प्राप्ति होती है। पुराणों में बताया गया है कि सतयुग में जो हजारों वर्ष तपस्या करने का पुण्य है वह कलियुग में मौनी अमावस्या के दिन मौन रहने और गंगा स्नान करने से प्राप्त हो जाता है।
क्यों खास है ये अमावस्या
धर्मग्रंथों के अनुसार साल के 12 अमावस्या में से इस अमावस्या का अपना खास महत्व है। इस दिन संगम और गंगा में देवताओं का वास रहता है। इससे गंगा स्नान करना अन्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदायी होता है। इस वर्ष मौनी अमावस्या का महत्व इसलिए भी अधिक है क्योंकि इसी दिन हरिद्वार कुंभ में पवित्र डुबकी लगाई जाएगी। इस अवसर पर ग्रहों का संयोग ऐसा बना है जो इसदिन के महत्व को कई गुणा बढ़ा रहा है।
मौनी अमावस्या मुहूर्त
10 फरवरी की रात 1 बजकर मिनट से अमावस्या तिथि लग रही है।
11 फरवरी को रात 12 बजकर 36 मिनट तक अमावस्या तिथि रहेगी।
मौनी अमावस्या पर 11 फरवरी को दिन में 2 बजकर 5 मिनट तक पुण्य काल रहेगा।
11 फरवरी को दिन में 2 बजकर 5 मिनट तक श्रवण नक्षत्र और महोदय योग रहेगा।
मौनी अमावस्या पर करें ये काम
- माघ मास की अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा गया है। इस दिन सूर्योदय से पूर्व मौन रहकर पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए।
- इसदिन भगवान विष्णु को घी का दीप दान करना चाहिए। भगवान को तिल अर्पित करना चाहिए।
- माघ मास की मौनी अमावस्या के दिन तिल, गुड़, वस्त्र और अन्न धन का दान करना बहुत ही पुण्यदायी कहा गया है।
- मौनी अमावस्या के दिन पीपल को जल देना और पीपल के पत्तों पर मिठाई रखकर पितरों को अर्पित करना चाहिए। इससे पितृदोष दूर होता है।