नेशनल डेस्कः जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूख अब्दुल्ला ने विवादित बयान दिया है। उन्होंने भारत विरोधियो को फिर से बैठे बिठाए मुददा दे दिया है जो उनको मजबूत करेगा। फारूख अब्दुल्ला ने क्या कहा, “POK पकिस्तान का हिस्सा है और वह पकिस्तान का ही रहेगा। जम्मू-कश्मीर भारत में है और भारत में ही रहेगा हमें यह समझना पड़ेगा “।
फारूख अब्दुल्ला भारत सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है। वह जम्मू-कश्मीर की मुख्य विपक्षी पार्टी नेशनल कांफ्रेंस के नेता हैं। उसके बाद भी यह बयान देना न सिर्फ गलत है। बल्कि देश द्रोह से कम नहीं है।
बोलने की आजादी के नाम पर आजकल नेता कुछ भी बोलते हैं। जब पूछा जाता है ऐसा क्यों बोला, तो संविधान में दिए मौलिक अधिकारों की दुहाई देते हैं। उनसे सवाल है कि अगर मौलिक अधिकार संविधान ने दिए हैं तो कुछ मौलिक कर्तव्य भी दिए हैं। इसलिए नेताओ को उसका भी ध्यान रखना चाहिए। मेरी नजर में जो नेता देश को तोड़ने वाली बात करते हैं। उन्हें सीधे जेल में डाल देना चाहिए।
इस बयान की प्रतिक्रिया स्वरूप प्रदेश के केन्द्रीय मंत्री जितेद्र सिंह ने कहा “हम ये केसे भूल सकते है कि संसद ने 22 फरवरी 1994 में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) पर अपना हक जताते हुए कहा था कि यह भारत का अटूट अंग है।”
अपने पिता के बचाव में नेशनल कांफ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला ने कहा कि उसके पिता ने ऐसा बयान पहली बार नहीं दिया है। वह यह सब देख कर अचम्भित है। यह उन्होंने अपने ट्विटर पर पोस्ट किया।