कैथल डैस्क: रामदत्त शर्मा जिले के जुझारू शिक्षक के तौर पर जाने जाते हैं जो आपातकाल के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की नीतियों के खिलाफ डटकर खड़े हुए थे। इसी के चलते उन्हें 19 महीनें अम्बाला की सेंट्रल जेल में बीताने पड़े थे।
कैथल के कई स्कूलों में पढ़ा चुके रामदत्त शर्मा मिडिल स्कूल के हेड शिक्षक भी रहे। वर्ष 1987 में फरल राजकीय स्कूल से रिटायर हुए। वर्ष 1975 में इमरजेंसी के दौरान शिक्षकों की पेंशन और सरकार द्वारा दूर दराज के स्कूलों में तबादला करने के विरोध में आंदोलन हुआ। उस समय बंसीलाल हरियाणा के मुख्यमंत्री थे। रामदत्त शर्मा हरियाणा राजकीय अध्यापक संघ- 70 ( जिसका नाम बदलकर अब हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ हो गया है ) के लगातार 3 बार महासचिव रहे।
कैथल से हुए गिरप्तार
कैथल शहर से गिरफ्तार करने के बाद पहले उन्हें यहां जेल में रखा गया। इसके बाद अंबाला सेंट्रल जेल में डाल दिया गया, जहां 19 माह तक जेल की सजा काटी। इस दौरान बताए गए पलों के बारे में वे परिवार के लोगों से बताते थे कि कैसे शिक्षकों के रोजगार को बचाने के लिए उन्होंने संघर्ष किया। वह बताते थे कि सड़कों पर उतरे शिक्षकों को जेलो में डालकर केस दर्ज किए गए।
रामदत्त शर्मा 4 भाइयों में सबसे बड़े थे। उनसे छोटे इंद्र दत्त इंद्र दत्त शर्मा प्रोफेसर थे। उनसे छोटे ज्ञान दत्त शर्मा भी शिक्षक थे। सबसे छोटे प्रीतम दत्त शर्मा
खेती-बाड़ी का काम करते थे।
-जैसा की रामदत्त शर्मा (आर डी शर्मा ) के बेटे विजय शर्मा की ने बताया।