धर्म डेस्कः हिन्दू धर्म में माघ पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है। मान्यता है कि माघ पूर्णिमा के दिन पवित्र तीर्थों में स्नान करने, दान और ध्यान करने से पुण्य फलों की प्राप्ति होती है। आज माघ पूर्णिमा है। माघ में आने वाली पूर्णिमा को ही माघ पूर्णिमा के नाम से जाना जाता है। इसे दिन को बहुत ही शुभ माना जाता है।
भगवान विष्णु की होती है पूजा
ज्योतिषी पंडित दीप लाल जयपुरी ने बताया कि वर्ष में 12 पूर्णिमा आती हैं। इसमें पूर्ण चंद्रोदय होता है। लेकिन माघ की पूर्णिमा का अपना अलग महत्व है। इस दिन लोग पवित्र तीर्थों और मुख्य रूप से गंगा, नर्मदा, छिप्रा और यमुना नदी में स्नान करते हैं। साध ही भगवान विष्णु की पूजा भी की जाती है। ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए।
मान्यतानुसार पूर्णिमा तिथि को बेहद शुभ माना जाता है। हर माह के शुक्ल पक्ष की अंतिम तिथि को पूर्णिमा तिथि होती है। उसी तिथि से नए माह की शुरुआत होती है। इस साल माघ की पूर्णिमा 27 फरवरी (शनिवार) यानी आज है। इस दिन दान पुण्य और स्नान करने का विशेष महत्व होता है। कहा जाता है कि माघी पूर्णिमा या माघ पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा अपनी पूर्ण कलाओं के साथ उदित होता है।
माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
माघ पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पूजन और ईश्वर का ध्यान करना अति उत्तम माना जाता है। इस साल माघ पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त इस प्रकार हैं।
पूर्णिमा तिथि आरंभ- 26 फरवरी (शुक्रवार) को दोपहर 03 बजकर 52 मिनट से 27 फरवरी (शनिवार) दोपहर 01 बजकर 50 मिनट तक रहेगी। उदया तिथि 27 फरवरी को है। इसलिए इस दिन मुख्य रूप से पूर्णिमा तिथि मनाई जाएगी और इसी दिन नदियों में स्नान से पुण्य की प्राप्ति होगी।
क्यों शुभ माना जाता है नदियों में स्नान
मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों जैसे गंगा, नर्मदा, छिप्रा में स्नान करने व दान करने से पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति होती है। इसी वजह से माघ पूर्णिमा के दिन काशी, प्रयागराज और हरिद्वार जैसे तीर्थ स्थानों में स्नान करने का विशेष महत्व बताया गया है। हिन्दू मान्यता के अनुसार माघ पूर्णिमा पर स्नान करने वाले लोगों पर भगवान विष्णु मुख्य रूप से प्रसन्न होते हैं और उन्हें सुख सौभाग्य, धन-संतान तथा मोक्ष प्रदान करते हैं।