नेशनल डेस्कः ट्विटर और भारत सरकार के बीच पाकिस्तानी और खालिस्तानी अकाउंट्स डीलीट करने को लेकर तनाव बढ़ता जा रहा है। सरकार ने स्पष्ट कर दिया कि ट्वीटर को भारतीय कानून मानने होंगे। इन मतभेदों के बीच भारत सरकार के आईटी सेक्रेटरी और ट्विटर अधिकारियों के बीच एक वर्चुअल बैठक हुई। इस बैठक में केंद्र सरकार ने साफ कर दिया कि ट्विटर को भारत के नियमों और लोकतांत्रिक संस्थाओं का सम्मान बनाए रखना होगा।
बता दें कि सरकार ने ट्विटर से खालिस्तान और पाकिस्तान की तरफ से किसान आंदोलन का लाभ उठाने के लिए चलाए जा रहे 1178 अकाउंट्स पर कार्रवाई करने की मांग की थी। लेकिन ट्विटर ऐसा करने में आना कानी कर रहा है। इसलिए सरकार ने भी अब सख्त रुख अपना लिया है।
भारत सरकार ने स्वदेशी ऐप पर बनाए अपने अकाउंट्स
केंद्र सरकार के मंत्रालयों ने देशी ट्विटर कहे जाने वाली ऐप KOO पर अपने अकाउंट्स बना कर ट्विटर को कड़ा संदेश दे दिया है कि अगर वह भारतीय नियमों को मानने से इंकार करता है तो सरकार के पास और भी विकल्प मौजूद हैं। इसी की और इशारा करते हुए कई सरकारी विभागों ने कू ऐप पर अपने आधिकारिक अकाउंट बना लिए हैं। ज्ञात हो कि केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल समेत 48 घंटे में करीब 30 लाख लोगों ने कू ऐप को डाउनलोड किया है।
ट्विटर ने कहा- 500 अकाउंट्स को हटा चुके हैं
भारत सरकार ने ट्विटर के अधिकारियों को बुला कर जवाब-तलब किया कि आपको को 1178 अकाउंट्स हटाने को कहा गया था। हालांकि ट्विटर ने जवाब देते हुए कहा कि वह 500 अकाउंट्स हटा चुकी है। बाकि अकाउंट न हटाने के लिए ट्विटर का तर्क है कि नागरिक समाज के कार्यकर्ताओं, राजनीतिज्ञों एवं मीडिया के ट्विटर अकाउंट्स को ब्लॉक करने का अर्थ है अभिव्यक्ति की आजादी के मूल अधिकार का उल्लंघन करना।
प्रजातंत्रः सवाल तो बनता है