कोर्ट नोटिस के बावजूद पंजाब ने नहीं सौंपा यूपी पुलिस को माफिया अंसारी, जाने कांग्रेस मुख्तार कनेक्शन

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नेशनल डेस्कः पंजाब पुलिस ने माफिया और बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय की हत्या में आरोपित मुख्तार अंसारी (Mukhtar Ansari) को यूपी पुलिस को सौंपने से इंकार कर दिया है। पंजाब पुलिस ने तर्क दिया है कि मुख्तार अंसारी की मेडिकल रिपोर्ट के चलते उसे यूपी नहीं भेजा जा सकता। बता दें कि मुख्तार अंसारी को वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यूपी की बांदा जेल से पंजाब की रोपड़ जेल में भेज दिया गया था। अंसारी पर हत्या समेत यूपी के गाजीपुर में कई आपराधिक मामले चल रहे हैं। आगामी सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में पेशी के चलते यूपी पुलिस उसे लेने पहुंची थी।

पंजाब पुलिस का तर्क, लंबी यात्रा नहीं कर सकते अंसारी

पंजाब पुलिस ने यूपी पुलिस को इंकार करते हुए तर्क दिया कि मुख्तार अंसारी की तबियत खराब है। इसलिए वह यूपी तक लंबी यात्रा नहीं कर सकते। बता दें कि गाजीपुर से पुलिस की एक टीम सुप्रीम कोर्ट का नोटिस लेकर पंजाब की रोपड़ जेल पहुंची थी। 31 बार भेजने से इंकार कर चुकी पंजाब पुलिस ने 32वीं बार सुप्रीम कोर्ट के नोटिस को भी नकार दिया है। बता दें कि 31वीं बार इंकार करने के कारण यूपी पुलिस ने सुप्रीम कोर्ट अर्जी लगा कर पंजाब पुलिस पर लौटाने का दबाव बनाया था।

दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी बोली, प्रियंका गांधी बचा रही है अंसारी को

दिवंगत बीजेपी एमएलए कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय ने कांग्रेस की बड़ी नेता प्रियंका गांधी पर अंसारी को बचाने के आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि मैं पंजाब सरकार और कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी से निवदेन करती हूं कि मुख्तार अंसारी जैसे खुंखार अपराधी का बचाव न करें। मुझे पता चला है कि पंजाब की कांग्रेस सरकार ने अंसारी को यूपी पुलिस को सौंपने से इन्कार कर दिया है।

गतवर्ष अक्टूबर में अलका राय ने प्रियंका गांधी को इस संबंध में पत्र लिखकर सवाल किया था कि पंजाब सरकार अंसारी को क्यों बचा रही है? साथ ही दावा किया था कि ऐसा नहीं हो सकता कि पंजाब सरकार के इस फैसले का आपको और राहुल गांधी को न पता हो।

अंसारी को न सौंपने पर यूपी के पूर्व डीजीपी भी उठा चुके हैं सवाल

यूपी पुलिस के पूर्व डीजीपी एके जैन ने कहा कि पंजाब सरकार अंसारी को राजनीतिक संरक्षण दे रही है। सुप्रीम कोर्ट के नोटिस के बाद भी पंजाब सरकार अंसारी को यूपी पुलिस के हवाले नहीं कर रही है।

अंसारी के भाई को चुनाव में हराने वाले कृष्णानंद की 2005 कर दी गई थी हत्या

कृष्णानंद ने वर्ष 2002 के यूपी विधानसभा चुनाव में मोहम्मदाबाद सीट से 5 बार एमएलए रह चुके अफजल अंसारी को हराया था। इसके बाद क्षेत्र में हिंदू-मुस्लिमों के बीच तनाव की स्थितियां पैदा हो गई, कई बार दंगे भी हुए। दंगा भड़काने के मामले में जब अंसारी जेल में बंध था उसी दौरान कृष्णानंद राय को दिन दहाड़ें उसके 6 समर्थकों समते गोलियों से भून दिया गया। बताया जाता है कि हत्यारों ने AK-47 राइफल से 400 से अधिक गोलियां चलाई गईं थी। सातों मृतकों के शरीर से 67 गोलियां निकली थीं। अंसारी की यूपी के मऊ, वाराणसी, जौनपुर और गाजीपुर में आपराधिक गतिविधियों के चलते बनी थी बाहुबली की पहचान।

कौन है मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी इंडियन नेशनल कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मुख्तार अहमद अंसारी के पौते हैं। 1970 के दशक में उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र में कई विकास योजनाओं की शुरुआत की गई थी। सरकारी ठेका लेने के लिए इस दौरान कई गैंग उभर कर आए थे। जिनका ठेका लेने के लिए आपस में झगड़ा चलता रहता था। शुरूआत में मुख्तार अंसारी ऐसे ही मखनु सिंह गैंग का सदस्य था जिसकी 1980 से साहिब सिंह के गैंग से जमीन को लेकर काफी बार खूनी भिड़ंत चलती रहती थी। अंसारी पर पूर्वांचल में हत्या, फिरौती, गुंडा टैक्स, अपहरण सहित तमाम ऐसे काले धंधे करने के आरोप हैं। अंसारी ने वर्ष 1995 में राजनीति की दुनिया में भी कदम रखा और 1996 में विधायक बना। वर्ष 2007 में बसपा में शामिल हो गए था। लेकिन वर्ष 2010 में उसने बसपा छोड़ दी।

बसपा छोड़ने के बाद अंसारी ने अपने भाई अफजल अंसारी के साथ मिल कौमी एकता दल नाम की पार्टी बना ली। मऊ मुस्लिम बहुल क्षेत्र होने के चलते अंसारी को यहां कई बार जीत हासिल हुई। हिंदू वोट बंट जाने के कारण इस क्षेत्र से मुख्तार अंसारी को जीत मिलती रही।

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