विचार डेस्कः लवकेश बीटेक का छात्र था। उसने कुछ दिनों पहले आत्महत्या कर ली। वह जाति से ब्राह्मण था। आप सोच रहे होंगे वह ब्राह्मण था, यह बताने की क्या जरूरत थी? लवकेश की जाति यहां बतानी इसलिए जरूरी थी, क्योकि यह बीजेपी के लिए राहत की बात है। गलती से अगर यह दलित होता तो देश के राजनीतिक माहौल में तूफान आ जाता।
बीजेपी के लिए जहां यह राहत की बात है। वहीं, कांग्रेस मीडिया हाउसेस और कुछ तथाकथित सेक्युलर और बुद्धिजीवियों के लिए बुरी खबर है। क्योकि उनके हाथ से सरकार को घेरने का मौका निकल गया। अभी संसद का सत्र चल रहा है इसलिए यह संसद को ठप्प करने का सबसे जानदार मुददा था क्योकि जिन मुददो पर संसद को ठप्प किया जा रहा है, वह सब बहाने है।
लवकेश की आत्महत्या एक नहीं कई सवाल खड़े करती है। शिक्षक पर भी और शिक्षण पर भी। इसके साथ साथ उन राजनेताओ पर भी जो अब अपने किस अज्ञातवास में हैं। हमे नहीं पता। आपको पता चले तो उन्हें लवकेश के माता-पिता के दर्द के बारे में भी बताए और उनसे कहे कि इनके इन्साफ के लिए भी आवाज़ उठाए और उत्तरप्रदेश सरकार पर दबाव बनाए कि जिस अध्यापक की प्रताड़ना से तंग आकर उसने आत्महत्या की। उसके खिलाफ कार्यवाही हो।
राहुल गांधी, अरविन्द केजरीवाल, मायावती, वृंदा करात ये सब अब कहाँ है ? जब जेएनयु में, देश विरोधी नारे लगे। इन लोगो ने जरा भी समय नहीं गवाया और खड़े हो गए उन लोगो के पक्ष में, कहते है छात्रों की आवाज को दबाया जा रहा है। रोहित वेमुला ने आत्महत्या की तो ये सभी महानुभाव हैदराबाद पहुंच गए। अगर इनका पता आपको चले तो आप एक काम मेरा भी करना। इनसे पूछना, क्या लवकेश का दोष सिर्फ इतना था कि उसने ब्राह्मण जाति में जन्म लिया ?