कल सीबीआई ने दिल्ली मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेन्द्र कुमार के सचिवालय और उनके घर पर छापा मारा और जो उनसे सम्बंधित 14 जगह थी उन पर भी जिसमे 2.5 लाख भारतीय रूपये और तीन लाख अन्य विदेशी करेंसी मिली, तीन अन्य जगह अचल सम्पत्ति भी मिली तथा अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए। सीबीआई राजेद्र कुमार से उनका ईमेल का पासवर्ड पूछ रही है जिसमे वह सहयोग नहीं कर रहे थे। इसके बाद सीबीआई उन्हें तथा उनकी पत्नी को सीबीआई ऑफिस पूछ-ताछ के लिए ले गई। पूछ-ताछ के बाद वह अपने घर जाने के स्थान पर सीदे दिल्ली के मुख्यमंत्री के घर गए और वंहा उनकी लगभग 1.5 घंटे बातचीत हुई। ये पूरा घटनाक्रम हुआ कल। इसमें केजरीवाल ने अपने ट्वीट के माध्यम से तथा सार्वजानिक रूप से प्रधानमंत्री मोदी के लिए आपत्ति जनक शब्दों का इस्तेमाल किया। ये सब तो कल का घटना क्रम था।
कौन है राजेन्द्र कुमार ?
राजेन्द्र कुमार 1989 बैच के अफसर है। वह केजरीवाल की ही तरह आईआईटी दिल्ली के छात्र रह चुके है। वह केजरीवाल की सरकार में फरवरी 2015 में प्रधान सचिव नियुक्त किये गए थे। वह केजरीवाल की पिछली सरकार में भी सचिव के तौर पर काम कर चुके है।
उन पर आरोप वरिष्ट अफसर आशीष जोशी ने लगाया था कि वह सचिव रहते हुए कई विभाग में रह चुके है और उन विभाग में रहकर उन्होंने बिना टेंडर निकाले अपनी चहेती कम्पनियों को टेंडर दे दिए और बाद में अपनी एक कम्पनी खड़ी की और उसे भी बिना टेंडर निकले सारे विभाग के काम दे दिए। जिससे दिल्ली सरकार के राजस्व को काफी हानि पहुची ।
राजेद्र कुमार शिक्षा निदेशक (2002 से लेकर 2005) के पद पर रह चुके है उसके बाद वह आईआईटी व स्वास्थ्य विभाग के सचिव के तौर पर भी काम कर चुके है। आरोप है की उन्होंने एंडेवर सिस्टम्स प्रा.लि. नाम की कम्पनी बनाई। वह 2007 में दिल्ली के आईआईटी सचिव के पद पर बैठे और पद का लाभ उठाते हुए अपनी कम्पनी को पब्लिक सेक्टर यूनिट (पीअसयु) कंपनी आईसीअसआईएल के साथ जोड़ दिया।
इसके बाद इनकी कंपनी बिना टेंडर के सरकारी विभागों की कम्पनी के साथ काम कर सकती थी।
आशीष जोशी ने इन सब गड़बड़ियो की शिकायत दिल्ली की एसिबी से करी बाद में एसिबी ने यह मामला सीबीआई को सौप दिया। उसके बाद का घटनाक्रम का विवरण ऊपर दिया जा चुका है।
लेकिन यंहा आप पार्टी के मुखिया सीबीआई की इस कार्यवाही को अपना अपमान समझ रही है। कल तक ईमानदारी का झंडा लेकर आगे चलने वाले केजरीवाल अपने एक अफसर के ऊपर लगे आरोप पर तिलमिला गए है। यह भूल गए की जब तक वह सत्ता में नहीं आये थे तो हर दिन लोगो पर बैठ कर आरोप लगा ते थे।
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