दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के मुखिया ने आम आदमी से खास बनने की पहल कर दी है। जी हाँ अब दिल्ली के विधयाक की सैलरी भारत के प्रधानमंत्री से भी ज्यादा होगी। कल वीरवार के दिन आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधान सभा में एक बिल पास कर दिया। जिससे उनकी सैलरी में 400% की बढ़ोत्तरी हो जाएगी। अब यह बिल गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है स्वीकृति के लिए।
आम आदमी की राजनिति करने वाले केजरीवाल ने अब अपने को ख़ास बनाने की पूरी तैयारी कर ली है। अपने वादे से मुकरने की परम्परा को केजरीवाल ने बनाए रखा ओर जो वादे उन्होंने पार्टी बनाने से पहले और चुनाव जितने से पहले किये थे। उनसे एक बार फिर से पलटी मार गए। यह वही केजरीवाल है जो कहते थे मुझे गाडी नहीं चाहिए पर गाडी ली, मुझे बंगला नही चाहिए पर बंगला लिया, मै बच्चो की कसम खाता हूँ किसी का भी समर्थन नहीं लूँगा परन्तु चुनाव जितने के बाद कांग्रेस का समर्थन लिया। जिस लोकपाल के लिए पार्टी बनाई थी, वह कमजोर निकला और इनके पुराने सहयोगियों ने ही उस पर सवाल खड़े कर दिए। अन्ना का राग गा कर कुर्सी पर पहुचे केजरीवाल अन्ना का भी लोकपाल के मुददे पर समर्थन न ले सके। इनके अपने वादे से मुकरने की परम्परा आज भी कायम है अब दिल्ली की जनता का आम आदमी पार्टी पर से भरोसा डिगने लगा है।
विधान सभा में जब यह बिल पास कर रहे थे तो बीजेपी के विधायक विरोध में सदन से उठ कर चले गए। इस पर एक आम आदमी पार्टी के विधायक पंकज पुष्कर भी पार्टी से ऊपर उठकर इस बिल का विरोध किया है। उनका कहना है कि “अगर महगाई है तो वह सबके लिए है। हमे अपने से पहले दिल्ली की जनता के बारे में सोचना चाहिए” पार्टी की राजनिति से ऊपर उठकर किया गया यह कदम सराहनीय है।
एक नजर मोजुदा वेतन पर:-
अभी दिल्ली के एक विधायक की बेसिक सैलरी 12000 हजार है, जो सभी खर्चो के साथ मिलाकर लगभग 88000 हजार् रूपये है, लेकिन इस बिल के पास होने के बाद एक दिल्ली के विधायक की बेसिक सैलरी 50000 जो के प्रधानमंत्री की बेसिक सैलरी के बराबर है, हो जाएगी और सभी खर्चो के साथ एक विधायक को अब मिलेगे लगभग 2 लाख 50 हजार रुपये, जो पुरे देश के सभी विधायको से कोसो आगे है। सांसद भी प्रस्तावित वेतन से कम सैलरी लेते है। हमारे प्रदानमंत्री की सैलरी भी 1 लाख 60 हजार रूपये है।
आम आदमी की सियासत करने वाले अब जनता से पूछ कर कोई फैसले नहीं लेते, जो अब तक सब कुछ जनता से पूछ कर काम करने का वादा करते आये है, पर इस विषय पर कुछ भी नहीं कहा एक ओर जंहा सफाई कर्मचारियों का वेतन के पैसे अभी तक नहीं गए, दूसरी तरफ अपने विज्ञापन पर 530 करोड़ रूपये खर्च कर दिए जो दिल्ली की जनता की गाडी कमाई थी। आम आदमी पार्टी की सरकार से पहले किसी भी सरकार ने विज्ञापन पर 18 करोड़ से ज्यादा खर्च, कभी नहीं किये और अब वेतन बढोत्तरी।