बांग्लादेश के दो शीर्ष नेताओ अली हसन मोहम्मद और सलाउद्दीन कादर चौधरी को ढाका सेंट्रल जेल में फांसी दे दी गई। ये दोनों 1971 के युद्ध अपराध के लिए दोषी थे। इनकी दया याचिका राष्ट्रपति अब्दुल हामिद ने ठुकरा दी थी।
इससे पहले 18 लोगो को 1971 के युद्ध अपराध के लिए सजा सुनाई जा चुकी है। सलाउद्दीन चौधरी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता थे जो कि प्रमुख विपक्षी पार्टी है। जबकि अली हसन मोहम्मद कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के महासचिव थे। जमात-ए-इस्लामी ने 23 नवम्बर को पुरे देश में बंद का आह्वान किया है।
इन नेताओ की फांसी से पाकिस्तान ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है “हम दुर्भाग्यपूर्ण फांसी पर गहरी चिंता और आक्रोश जताते हैं” इन फांसी से पाकिस्तान भी काफी बेचैन लग रहा है।