हिंदी के प्रमुख समाचार चैनल एनडी टीवी पर 9 नवम्बर की रात 12.01 बजे से 10 नवम्बर की रात 12.01 बजे तक प्रसारण पर रोक लगा दी हैं । इस दौरान एनडी टीवी देश भर में ऑफ एयर रहेगा।
इसका फैसला संसदीय समिति ने लिया। जिसमें एनडी टीवी को ‘टीवी केवल नेटवर्क नियम 1994’ के उल्लघन का दोषी पाया गया। इस कानून के तहत कोई भी न्युज चैनल आतंकरोधी कार्रवाही का सीधा प्रसारण नहीं कर सकता। एक अखबार के मुताबिक समिति ने चैनल का प्रसारण 30 दिन के लिए रोकने का प्रताव दिया था। लेकिन मंत्रालय ने सांकेतिक रूप से सिर्फ एक दिन के लिए किया।
एनडी टीवी ने पठानकोट एयरबेस पर आतंकी हमले की लाइव रिर्पोटिंग के दौरान एयरबेस के संवेदनशील स्थान आतंकियों से कितनी दूरी पर हैं, जानकारी दी। स्कूल, रिहायसी कॉलोनी, फ्यूल टैंक कहां पर हैं ?, मिग विमान कितनी दूर हैं ? जैसी संवैदनशील जानकारी आप प्रसारित कर रहे हैं जबकि आपको पता हैं अन्दर आंतकराधी ऑपरेशन चल रहा हैं। इसका इस्तेमाल आतंकी कर सकते हैं। आपने टीआरपी के लिए न केवल अन्दर स्तिथ रिहायशी कॉलोनी के लोगो का और स्कूल में पढने वाले बच्चों का जीवन खतरे में डाला बल्कि एयरबेस में कौनसी चीज कहां पर हैं, इसकी सूचना भी प्रसारित की।
ऐसा नहीं एनडी टीवी ने ऐसा पहली बार किया हैं। 26 नवम्बर 2008 को मुम्बई हमले के दौरान भी ऐसा ही किया गया था। जिसमें लाइव रिपोर्टिंग के दौरान, कितने हेलिकॉप्टर दिल्ली से आए हैं। उसमें कितने कमांड़ो हैं। वह आतंकियों को रोकने के लिए, क्या-क्या कदम उठा रहे हैं। इसकी मिनट-दर-मिनट रिपोर्टिगं की।
इसलिए जो लोग आज गला फाड-फाड कर लोकतंत्र खतरे में है, का रोना रो रहे हैं। उन्हें तब याद नहीं आया कि इस तरह की रिपोर्टिग से न केवल सुरक्षा बलो का बल्कि वहां मौजूद अन्य लोगो का जीवन भी खतरे में पढ जाता हैं
यह देश की कोई पहली घटना नहीं हैं। जिसमें किसी चैनल को बैन किया हैं। 2005 से 2013 तक 20 चैनलों को ऑफ एयर किया गया। इसमें ज्यादातर को अश्लील सामग्री दिखाने के लिए प्रतिबंधित किया।
2007 से 2010 के दौरान फैशन टीवी के प्रसारण पर 3 बार प्रतिबन्ध लगाया। अश्लील सामग्री दिखाने पर प्रथम बार इस चैनल पर 2 माह के लिए प्रसारण पर रोक लगी। 2015 में अल जजीरा को भी 5 दिन के लिए बैन कर दिया क्योंकि उसने भारत का गलत नक्शा दिखाय़ा था।
इसलिए जो लोग लोकतंत्र का हवाला दे रहे हैं। उन्हे यह समझना होगा कि जब लोग सुरक्षित होगें तो लोकतंत्र भी सुरक्षित होगा। लोकतंत्र या बोलने की आजादी की आड़ में लोगों की और राष्ट्र की सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं करने दिया जा सकता।
कुछ को यह भी समझना होगा, एनडी टीवी का मतलब लोकतंत्र और लोकतंत्र का मतलब एनडी टीवी नही हैं। समाचार चैनलों को आलोचना करना ही नहीं झेलना भी आना चाहिए।
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