नेशनल डेस्कः भारत सरकार पहली जनवरी से टोल प्लाजा पर कैश लेन खत्म करने जा रही है। इस नियम के लागू होने के साथ ही टोल कलेक्शन 100 प्रतिशत फास्टटैग से ही होगा। इसलिए जिन वाहनों पर फास्टटैग नहीं है, उन्हें नए साल से पहले ही फास्टटैग ले लेने चाहिए। बता दें कि फिलहाल 80 प्रतिशत टोल फास्टटैग से लिया जाता है। बाकी 20% के लिए टोल प्लाजा पर फिलहाल कैश लेन मौजूद हैं। मौजूदा समय में 93 करोड़ रुपये प्रतिदिन टोल टैक्स जमा हो रहा है। नए नियम के लागू होने के बाद इसके 100 करोड़ रुपये पार करने की संभावना है।
क्या है फास्टटैग
यह एक प्रकार का स्टीकर होता है जिस पर विशेष प्रकार की कोडिंग अंकित होती है। यह रेडियो फ्रिक्वेंसी आईडेंटिफिकेशन (आरएफआईडी) तकनीक पर आधारित होता है। कार के फ्रंट शीशे पर लगा यह स्टीकर टोल प्लाजा पर लगे स्कैनर द्वारा स्कैन किया जाता है। इससे वाहन की पूरी डिटेल टोल पर आ जाती है और तय पैसे वाहन चालक के अकाउंट से स्वतः ही कट जाते हैं।
फास्टटैग बनेगा मल्टियूटिलिटी पेयमेंट टूल
इस साल अप्रैल से भारत सरकार ने फास्टटैग को थर्ड-पार्टी इंश्योरेंस के लिए अनिवार्य बना दिया है। इसके अलावा सरकार की योजना है कि फास्टटैग को हाइवे पर स्थिति यूटिलिटी सेवाओं के पेमेंट सिस्टम से जोड़ दिया जाएंगा जैसे पार्किंग लोट्स और शॉप्स इत्यादि।
टोल प्लाजा से छूट कैसे लें
अगर आप टोल प्लाजा के 10 किलोमीटर के दायरे में रहते हैं तो आपको टोल देने की जरूरत नहीं। इसके लिए आप अपना रेजिडेंस प्रूफ टोल प्लाजा पर जमा करा दें। आपको टोल से छूट मिल जाएगी।
फास्टटैग से जुड़ी शिकायतों को ऐसे करें हल
नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) के 1033 नंबर पर आप कॉल कर सकते हैं। फास्टटैग से जुड़ी सामान्य शिकायतों को यहां तेजी से हल किया जाता है।