विदेश डेस्कः इस्लामी कट्टरता से निपटने और सुरक्षा कारणों के चलते विश्व के कई देश पहले ही बुर्का पहनने पर रोक लगा चुके हैं। अब उसी कड़ी में श्रीलंका भी शामिल होने वाला है। यहां के प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे के एक मंत्री ने शनिवार को घोषणा की कि जल्द ही श्रीलंका में बुर्का पहनने पर पाबंदी लगेगी। साथ ही 1 हजार से ज्यादा इस्लामी स्कूलों को भी बंद किया जाएगा।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही स्विट्जरलैंड में बुर्के पर जनमत संग्रह कराने के बाद प्रतिबंध लगा दिया गया था। केवल अगर यूरोप की ही बात करें तो फ्रांस, ऑस्ट्रीया, बेल्जियम, बुल्गारिया और डेनमार्क बुर्के पर प्रतिबंद लगा चुके हैं। वहीं, कई देशों में स्कूल और यूनिवर्सिटीज में बुर्का पहनना बैन है।
धार्मिक अतिवाद के चलते बुर्का पहनने का चलन बढ़ा
श्रीलंका के सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री सरथ वेरासेकेरा ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए बताया कि उन्होंने शुक्रवार को बुर्के पर प्रतिबंद लगाने के लिए पेपर पर साइन किए हैं। शुरूआत में हमने देखा है कि मुस्लिम लड़कियां और महिलाएं बुर्का नहीं पहनती थीं। लेकिन हाल के दिनों में बुर्का पहनने का चलन बढ़ा है। यह धार्मिक अतिवाद को दर्शाता है। हम निश्चित रूप से बुर्के पर प्रतिबंद लगाने वाले हैं। कैबिनेट में बिल पारित होने पर श्रीलंका की संसद इस पर कानून बना सकती है।
आतंकी घटना के बाद अस्थाई तौर पर लगा चुका है प्रतिबंध वर्ष 2019 में श्रीलंका के कई चर्च और होटल में बम धमाके हुए थे। इनमें 250 लोग मारे गए थे। इसके बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए अस्थाई तौर पर बुर्का पहनने पर पाबंदी लगा दी थी।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति की धज्जियां उड़ा रहे हैं मदरसे
वेरासेकेरा ने बताया कि मदरसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्हें स्पष्ट लहजे में बता दिया गया है कि कोई भी स्कूल खोल कर जो चाहे बच्चों को नहीं सिखा सकता। इसी के चलते श्रीलंका ने 1 हजार से अधिक इस्लामिक स्कूलों पर पाबंदी लगाने की योजना बनाई है।
महिंदा राजपक्षे ने खत्म किया था लिट्टे का आतंक पीएम महिंदा राजपक्षे लिट्टे के खात्में के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने ही श्रीलंका में दशकों से चली आ रही लिट्टे समस्या का अंत किया था। उन्होंने अपने चुनावी वादे में देश में किसी भी तरह के अतिवाद के खात्में का वादा किया था और इसी वादे के बदौलत वह सत्ता में आए थे।