टैक डेस्क: सोमवार को भारत सरकार ने अवैध रूप से वायरलैस जैमर बेचने के खिलाफ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दे दी है। दूरसंचार विभाग (DoT) ने कहा है कि सैलुलर सिग्नल जैमर, GPS ब्लॉकर और अन्य सिग्नल जाम करने वाले उपकरण आम तौर पर अवैध हैं। इनके उपयोग के लिए सरकार से विशेष रूप से अनुमति लेनी पड़ती है, लेकिन इन दिनों इन उपकरणों की ऑनलाइन शॉपिंग साइट्स पर खुले आम बिक्री हो रही है। इसी लिए विभाग ने चिंता व्यक्त करते हुए सभी ई-कॉमर्स कंपनियों को अपने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर वायरलैस जैमर की बिक्री को लेकर चेतावनी दी है।
DOT के अनुसार निजी क्षेत्र (private sector) के संगठन या कोई व्यक्ति भारत में जैमर की खरीद और उपयोग बिना सरकार की अनुमति के नहीं कर सकता है। इसके अलावा यह भी कहा गया है कि दिशानिर्देशों के तहत अनुमति के अलावा, भारत में सिग्नल जैमिंग उपकरणों का विज्ञापन, बिक्री, वितरण और आयात अवैध है।
विभाग का कहना है कि लाइसेंस प्राप्त दूरसंचार सेवा कंपनी के अलावा किसी भी व्यक्ति द्वारा मोबाइल सिग्नल रिपीटर/बूस्टर को रखना, बेचना या उपयोग करना गैरकानूनी माना जाएगा।
सरकार के इस फैसले का सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने स्वागत किया है। सीओएआई ने कहा है, “सिग्नल रिपीटर्स/बूस्टर की स्थापना से उत्पन्न चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए दूरसंचार विभाग की सलाह का हम स्वागत करते हैं। लोग अभी इस बात से अंजान हैं कि वायरलेस टेलीग्राफी एक्ट, 1933 और इंडिया टेलीग्राफ एक्ट, 1885 के तहत मोबाइल सिग्नल बूस्टर (एमएसबी) खरीदना, बेचना, इंस्टॉल करना या रखना एक अवैध और दंडनीय अपराध है।