अम्बाला डेस्कः गांधी मेमोरियल नेशनल कॉलेज (GMN) के संस्कृत विभाग ने आयुर्वेद को आधार बनाकर दो उत्पादों के पेटेंट अपने नाम किए हैं। इन उत्पादों को बनाने में जिस औषधीय रसायन शास्त्र के तहत बनाया गया है, वह यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त भी है। इन हर्बल उत्पादों का ट्रेडमार्क भी कॉलेज को मिल चुका है।
कॉलेज डॉ. राजपाल सिंह ने बताया कि दोनों उत्पादों का आधार आर्युवेद है। इसे बनाने में संस्कृत विभाग की अध्यक्षा डॉ. राजेंद्र का बड़ा योगदान है। इसके लिए मैं उन्हें बधाई देता हूं। इनका शीर्षक “आयुर्वेदेन जीवनमनुते” है। ये दोनों हर्बल उत्पाद आयुर्वेद के प्रनेता भगवान धन्वन्तरि के नाम से हैं, “धन्वन्तरि हर्बल चाय और धन्वन्तरि दंत मंजन”। कॉलेज प्रबंधन समिति के प्रधान डॉ. गुरुदेव सिंह एवं अन्य सदस्यों ने डॉ. राजेंद्र को उनकी प्रतिभा और इस उपलब्धि के लिए बधाई दी और भविष्य में और अधिक शोध करने के लिए प्रोत्साहित किया ।