नेशनल डेस्कः लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों की भिडंत के 8 महीने बाद चीन ने माना है कि उसके 5 सैनिक मारे गए थे। चीनी अखबार पिपुल्स डेली के मुताबिक मारे गए सैनिकों को चीन अब मरणोपरांत सम्मानित भी करेगा। इन्हें पदक देने का एलान किया जा चुका है। बता दें कि गत वर्ष 15 जून की रात को पूर्वी लद्दाख के गलवान घाटी में चीनी और भारतीय सैनिकों की भिडंत हुई थी। इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। लेकिन चीन ने आधिकारिक रूप से कोई आंकड़ा जारी नहीं किया था।
क्यों जारी नहीं की थी चीन ने मारे गए सैनिकों की संख्या
चीन ने मारे गए सैनिकों की संख्या इसलिए जारी नहीं की थी, क्योंकि उसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत से मुंह की खाने के बाद बदनामी का डर सता रहा था। लेकिन संख्या जारी न करके उसे घरेलु स्तर पर ही चीनी लोगों के विरोध और गुस्से का सामना करना पड़ रहा था। फिलहाल चीन ने मारे गए चार सैनिकों के नाम बताए हैं। इनके नाम है- चेन होंगजून, चेन शिआंगरोंग, शियाओ सियुआन, वांग झुओरान।
चीन के 45 सैनिक मारे गए थेः रशियन एजेंसी
रूसी एजेंसी TASS ने दावा किया है कि गलवान घाटी में चीन के 45 सैनिक मारे गए थे। अमेरिका ने भी करीब 30 से 35 चीनी सैनिकों के मारे जाने की बात कही थी। लेकिन चीन ने तब भी मारे गए सैनिकों की संख्या पर चुप्पी साध रखी थी। घरेलु स्तर पर लोगों के बढ़ते दबाव के कारण चीन को मजबूरन ये आकंड़ा जारी करना पड़ा है।
45 साल बाद भारत और चीन के बीच हुई थी खूनी झड़प
भारत और चीन के बीच 45 साल बाद ऐसी खूनी झड़प हुई थी जहां दोनों देशों के सैनिक शहीद हुए थे। चीन ने इसके लिए भारत को जिम्मेदार ठहराया था। पहले माना जा रहा था कि चीन के 40 सैनिक मारे गए थे। लेकिन फिलहाल चीन ने 5 सैनिकों के मारे जाने की बात कबूल की है। हालांकि चीन के आंकड़े का भरोसा करना मुश्किल है। लेकिन यहीं बात बड़ी है कि उसने अपने सैनिकों की मौत कबूल कर ली है।
भारत के सख्त रूक के बाद चीन गलवान से पीछे हटने को हुआ मजबूर
चीन की पूरानी फितरत है कि वह इंच बाई इंच कर पड़ोसी देशों की भूमि हड़पता है। दो कदम आगे बढ़ता है तो एक कदम पीछे हटता है। लेकिन इस बार भारत के सख्त रूख के बाद चीन की इस नीति में जबरन परिवर्तन आया है। भारत ने उसे फिंगर 8 तक पीछे धकेल दिया है। वहीं भारत अपनी फिंगर 3 की फार्वर्ड पोस्ट पर बना रहेगा।