नेशनल डेस्कः पूर्वी लद्दाख की सीमा पर तैनात चीन के सैनिकों की कड़ाके की ठंड से होंसले पस्त होने लगे हैं। इसी के चलते चीन ने 10 हजार सैनिकों को सीमा से हटा दिया है। इन्हें सीमा से 150 किलोमीटर पीछे हटाकर अपने पारंपरिक प्रशिक्षण क्षेत्रों में भेज दिया गया है। बता दें कि सीमा पर भारत-चीन के बीच अप्रैल से ही टकराव की स्थिति बनी हुई है। हालांकि, अभी कुछ इलाकों पर स्थिति अभी भी तनावपूर्ण बनी हुई है।
चीन ने सीमा पर एलएसी पर तैनात किए थे 50 हजार जवान
गत वर्ष अप्रैल-मई से एलएसी पर चीन ने 50 हजार से ज्यादा अपने सैनिकों को तैनात किया था। भारत ने भी अपने इतने ही जवान सीमा पर तैनात कर दिए थे। इसके अलावा, बड़ी संख्या में हथियार और गोला-बारूद भी जमा कर रखे हैं। बता दें कि दोनों देशों के बीच जून में तनाव और बढ़ गया था, जब चीनी सैनिकों ने धौखे से गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों पर हमला कर दिया था। इस हिंसक झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे। वहीं, चीन के करीब 40 से 50 सैनिक मारे गए थे। हालांकि चीन ने कभी भी अपने मारे गए सैनिकों की संख्या नहीं बताई है।
जवानों ने भारत में घुसपैठ करता चीनी सैनिक पकड़ा
भारतीय सैनिकों ने 8 जनवरी को पैंगोंग झील के दक्षिण इलाके से चीनीसैनिक को पकड़ा था, जो वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पार कर भारतीय सीमा में आ गया था। लद्दाख (Ladakh) में पकड़े गए चीनी सैनिक से पूछताछ के बाद भारत ने छोड़ दिया है।
चीनी रक्षा विशेषज्ञ भारत के हुए मुरीद
चीन के रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि कब्जे में आए चीनी सैनिक को 4 दिनों के भीतर छोड़कर भारत ने सद्भावना दिखाई है। शिंघुआ विश्वविद्यालय में चीन के नेशनल स्ट्रेटजी इंस्टीट्यूट (National Strategy Institute) के शोध विभाग के निदेशक कियान फेंग ने कहा कि चीनी सैनिक की वापसी दोनों देशों के बीच तनाव को कम करने में मददगार होगी। साथ ही भारत की तारीफ करते हुए कहा कि 4 दिनों के भीतर चीनी सैनिक वापस कर भारत ने सद्भावना दिखाई है।