नेशनल डेस्कः अमेरिका में बुधवार को कड़े सुरक्षा इंतजामों के बीच जो बाइडन ने 46वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली। अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर उन्हें देश के प्रधान न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने शपथ दिलाई। उन्होंने अपने परिवार की 127 वर्ष पुरानी बाइबल पर हाथ रख कर शपथ ली। बता दें की 78 वर्षीय बाइडन अमेरिका के सबसे अधिक उम्र के राष्ट्रपति बने हैं।
भारतीय मूल की कमला हैरिस बनी उपराष्ट्रपित
भारतीय मूल की 56 वर्षीय कमला हैरिस उपराष्ट्रपति बनी। उन्हें सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश सोनिया सोटोमायोर ने शपथ दिलाई। वह अमेरिका की 49वीं उपराष्ट्रपति और पहली महिला उपराष्ट्रपति हैं।वर्ष 1964 में कैलिफोर्निया में जन्मी हैरिस की मां श्यामला गोपालन भारतीय मूल की डॉक्टर थीं। उनके पिता जमैका में इकॉनमिस्ट थे। हैरिस की मां श्यामला प्रसिद्ध कैंसर रिसर्चर और ऐक्टिविस्ट थीं। उन्होंने अपनी स्नातक दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया था।
जाते-जाते ये ट्रंप ने बाइडन के लिए छोड़ा ये संदेश
बुधवार को डोनाल्ड ट्रंप ने व्हाइट हाउस को छोड़ दिया। हालांकि, वह शपथ ग्रहण में शामिल नहीं हुए। लेकिन पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति भवन से जाते-जाते एक परंपरा निभाई है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी जो बाइडन के लिए व्हाइट हाउस में एक संदेश छोड़ा है। परंपरा के मुताबिक, निवर्तमान राष्ट्रपति व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में रखे रेजेल्यूट डेस्क में नए राष्ट्रपति के लिए एक संदेश लिखकर रखता है। अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, इस नोट में सामान्य तौर पर निवर्तमान राष्ट्रपति के लिए बधाई और शुभकामनाएं होती हैं।
राष्ट्रपति बनते ही बाइडन ने बदले ट्रंप के फैसले
बाइडन ने राष्ट्रपति बनते ही डोनाल्ड ट्रंप के कई फैसले पलट दिए हैं। बुधवार को उन्होंने एक साथ कई कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर किए। इसमें जहां प्रवासियों को राहत दी है। वहीं, कई मुस्लिम देशों से यात्रा पर लगाया गया बैन भी हटा लिया है। कोरोना के खतरे को भांपते हुए अगले 100 दिनों तक देशभर में मास्क को अनिवार्य कर दिया है। इसके अलावा मैक्सिको सीमा पर बन रही बाड़ के पैसे पर भी रोक लगा दी है।
भारतीयों के लिए खुशखबरी बाइडन खत्म करेंगे ग्रीन कार्ड देने की लिमिट
बाइ़डन का राष्ट्रपति बनना भारतीय आईटी पेशेवरों के लिए खुशखबरी ले कर आया है। बाइडन कांग्रेस को एक इमिग्रेशन बिल भेजेंगे जिसमें अन्य बातों के अलावा रोजगार आधारित ग्रीन कार्ड के लिए प्रति देश तय की गई सीमा को खत्म करने का प्रोविजन भी शामिल है। इससे भारत के हजारों आईटी पेशवों को फायदा होगा। ‘यूएस सिटीजनशिप एक्ट ऑफ 2021’ में आव्रजन प्रणाली को उदार बनाया गया है। यह बिल अमेरिका में रहने वाले व काम करने वाले लोगों को नागरिकता देने के लिए एक मसौदा पेश करता है। इससे उनके अमेरिका में स्थायी नागरिकता रास्ता आसान हो जाएगा।