रक्षा डेस्कः भारत ने रविवार को स्वदेशी सुपरसोनिक मिसाइल पृथ्वी का सफल परिक्षण किया। इस मिसाइल की खासियत यह है कि यह दुश्मन देश से आने वाली मिसाइल को हवा में ही नष्ट कर देती है। इसका परिक्षण उड़ीसा के अब्दुल कलम द्वीप से किया गया अभी भी DRDO के वैज्ञानिक इस मिसाइल के डेटा का विश्लेष्ण कर रहे है। हालाकि यह अपने लक्ष्य को भेदने में कामयाब रही।
यह प्रणाली एडवांस एयर डिफेन्स के नाम से जानी जाती है। यह 1200 किलोग्राम की है। इसकी उचाई 7.5 मीटर है। यह सिंगल स्टेज है जो ठोस इंधन पर काम करती है। इसकी अधिकतम गति 4.5 मैक है।
भारत का बैलिस्टिक मिसाइल सुरक्षा प्रोग्राम (BMD) दो स्तरों पर काम कर रहे है, एक है एडवांस एयर डिफेन्स जिसकी हम पहले ही बात कर चुके है और दूसरा है पृथ्वी एयर डिफेन्स (PAD) इस प्रणाली पर भी हम लम्बे समय से काम कर रहे है इसकी खासियत यह है की यह दुश्मन की आने वाली बैलेस्टिक मिसाइल को हवा में ही ख़त्म कर दे। यह उच्च उच्चाई (High Altitude) के लिए बनाई गई है इसकी गति 5 मैक है जो 600 किलोमीटर के दायरे में 200 लक्ष्यों को ढूंड सकती है।
भारत ने एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल की शुरुआत 1999 से की थी जब कारगिल युद्ध के दौरान पाकिस्तान के विदेश सचिव शमशाद अहमद ने गैर जिम्मेदाराना बयान देते हुए कहा था कि “वह अपने हथियारों के जखीरे में से कोई भी हथियार इस्तेमाल कर सकता है” यह भारत को एक तरह से परमाणु बम की धमकी थी।
भारत 2006 में पृथ्वी एयर डिफेन्स का और 2007 में एडवांस एयर डिफेन्स का परिक्षण कर अमेरिका, रूस, और इस्स्राइल के बाद दुनिया का चौथा देश बन गया जिसके पास एंटी-बैलिस्टिक मिसाइल प्रणाली है।