आज मैं ये जानना या समझना नहीं चाहता कि उत्तरप्रदेश का मुख्यमंत्री कैसा रहा है अपने भूतकाल में, मैं ना उन्हें सही ठहराना चाहता हूं नहीं गलत। क्योंकि समय,देश, काल पर हमारे कर्म निर्भर करते हैं। एक ही कर्म को जब हम सभी जगह लागु करना चाहते है तो हम गलती करते है। हम यह माने या ना माने यह हमारी बोद्धिक क्षमता पर निर्भर करता है कि हम किसी के बारे में क्या विचार रखते है। क्या हमने उसके बारे में जानना चाहा या नहीं या फिर कुछ लोगो ने हमारे सामने एक तस्वीर पेश की और हमने उसे सच मान लिया ? क्या हमने खुद उस तस्वीर की सच्चाई जाननी चाही है। कोई ऐसा है वैसा हैं हम सब ऐसी बात करते है, लेकिन क्यों है क्या हमने कभी जानने की कोशिश की , नहीं की?
हम अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा पूर्वाग्रह में बिता देते है। हम चीजों को जानने-समझने की कोशिश ही नहीं करते। यह समस्याए पैदा करता है।
खैर मैं यह आशा जरुर करता हूं योगी आदित्यनाथ जी मुख्यमंत्री के पद पर रहते हूए दो चीजो की तरफ पहले प्राथमिकता देगे- पहली कानून व्यवस्था, दूसरी आधारभूत सुविधाएं। धन्यवाद