नई दिल्लीः चीन से तनातनी के बीच भारत ने वियतनाम के साथ समुद्री-डाटा साझा करने का समझौता किया है। इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे के साथ समुद्री डाटा साझा करेंगे जिससे दोनों को नेविगेशनल चार्ट्स बनाने मदद मिलेगी। वीडियो क्रॉन्फ्रेंसिंग के जरिये शुक्रवार को भारत और वियतनाम के रक्षा मंत्रियों के बीच इस समझौते पर हस्ताक्षर हुए। बता दें कि 77 के दशक में सीमा-विवाद को लेकर चीन और वियतनाम के बीच युद्ध हो चुका है। एक बार फिर दक्षिण चीन सागर में वियतनाम और चीन के बीच तनाव चरम पर है।
रक्षा मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके वियतनामी समकक्ष जनरल नग शुआन लिच के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग हुई। इसमें दोनों देशों ने रक्षा-सहयोग को लेकर संकल्प जाहिर किया।
ब्रम्होस, ध्रुव और तेजस में दिखाई दिलचस्पी
राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने का आह्वान दोहराते हुए कहा कि भारत के मजबूत होने से उसके मित्र देश भी मजबूत होंगे। गौरतलब है कि भारत की ब्रम्होस मिसाइल, ध्रुव हेलीकॉप्टर और युद्धक विमान एलसीए तेजस में वियतनाम ने खरीदने में रूचि दिखाई है।
हथियार खरीद के लिए 50 करोड़ डॉलर देगा भारत
चीन के आक्रामक रवैये से परेशान होकर वियतनाम भारत के साथ रणनीतिक साझेदारी की पहल कर रहा है। इस पहल को Comprehensive Strategic Partnership के तौर पर पहचान मिल रही है। हालांकि यह अभी शुरूआती चरण में है जिस पर बातचीत जारी है। यूरेशियन टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक वियतनाम समुद्र से तेल के भंडारों की खोज और उन्हें निकालने के लिए भारत की पहले ही मदद ले चुका है। इसके तहत भारत उसे 10 करोड़ डॉलर उधार दे चुका है। ताकि वियतनाम भारत से निगरानी (पेट्रोल) बोट खरीद सके। इसके अलावा भारत हथियार खरीद के लिए वियतनाम को 50 करोड़ डॉलर की आर्थिक मदद देगा।