नेशनल डेस्कः कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल का बुधवार करीब साढे तीन बजे 71 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। एक महीने पहले वह कोरोना की चपेट में आ गए थे। तभी से उनकी तबीयत खराब चल रही थी।
उनके बेटे फैजल पटेल ने सोशल मीडिया के माध्यम से अहमद पटेल के निधन की जानकारी दी। वह लंबे समय से गुरुग्राम के मेदांता अस्पताल में भर्ती थे।
अहमद पटेल का पार्थिव शरीर वडोदरा पहुंच गया है। यहां से उनके पैतृक गांव पीरामन में अहमद पटेल को सुपुर्द ए खाक किया जाएगा।
बेटे फैजल पटेल ने बताया कि अहमद पटेल की इच्छा थी कि उन्हें उनके माता-पिता के साथ ही दफन किया जाए। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी गुरुवार सुबह भरूच पहुंचेंगे।
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहमद पटेल को श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया कि ‘अहमद पटेल जी का निधन दुखद है। उन्होंने कई साल सार्वजनिक जीवन में बिताए और समाज की सेवा की। उनके तेज दिमाग और कांग्रेस को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए उन्हें सदा याद किया जाएगा। उनके बेटे फैसल से बात की और संवेदना व्यक्त की। अहमद भाई की आत्मा को शांति मिले।’
सोनिया के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद ने कांग्रेस छोड़ी, तो पटेल ने की मदद
वर्ष 1998 में अहमद पटेल कांग्रेस के कोषाध्यक्ष के रूप में प्रभावशाली थे। उन्होंने सोनिया गांधी को अध्यक्ष बनाने में अहम भूमिका निभाई थी। सोनिया गांधी के विदेशी मूल के मुद्दे पर शरद पंवार ने कांग्रेस छोड़कर अलग पार्टी (राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी, राकांपा) बना ली। लेकिन ये अहमद पटेल ही थे कि उन्होंने छह महीने बाद ही महाराष्ट्र में कांग्रेस-राकांपा का गठबंधन कर सरकार बना ली। ये गठबंधन आज भी अटूट है।