विदेश डेस्कः बांग्लादेश में दुर्गा पूजा के दौरान हिंदुओं के खिलाफ भड़की हिंसा पर बड़ा खुलासा हुआ है। कोमिला जिला पुलिस ने इस मामले से पर्दा उठाते हुए बताया कि 35 साल के इकबाल हुसैन ने दुर्गा पूजा के पंडाल में कुरान रख दी थी। इस घटना की सीसीटीवी फुटेज भी उपलब्ध हैं। बता दें कि 13 अक्टूबर को बांग्लादेश के सोशल मीडिया में कुरान के अपमान की अफवाह फैल गई। इसके बाद बड़ी संख्या में मुस्लिम कट्टरपंथियों ने दुर्गा पूजा के पंडालों, हिंदुओं के घरों और मंदिरों को निशाना बनाया। देवी-देवताओं की मुर्तियां खंडित कर दी गई। साथ ही हिंदुओं के कई घरों में आगजनी की गई। हिंदुओं के खिलाफ भड़की हिंसा में अभी तक चार लोगों की मौत हो चुकी हैं।
पुलिस के मुताबिक, कोमिला जिले के सुजानगर का रहने वाले इकबाल हुसैन ने मस्जिद से एक कुरान अपने साथ लेकर आया। उसने 13 अक्टूबर को कुरान की एक प्रति नानुआ दिघिर के पूजा मंडप में रख दी थी। इसके बाद सोशल मीडिया पर कुरान के अपमान की अफवाह फैल गई। जिसके बाद हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भड़क उठीं। कोमिला एसपी फारूक अहमद ने बताया कि आरोपी इकबाल हुसैन एक आवारा व्यक्ति है। उसे अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। लेकिन हिंसा के मामले में इकबाल हुसैन के चार सहयोगी समेत 41 लोगों की गिरफ्तारियां की जा चुकी हैं।
बांग्लादेश हिंदू एकता परिषद ने अपने बयान में बताया कि कोमिला के अलावा चांदपुर के हाजीगंज, चट्टोग्राम के बंशखली और कॉक्स बाजार के पेकुआ के मंदिरों में भी हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
हिंदुओं की आबादी 33 से घटकर हुई 6 फीसदी
बांग्लादेश ब्यूरो ऑफ स्टेटिक्स के अनुसार, बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी लगातार घट रही है। वर्ष 1901 में बांग्लादेश में हिंदुओं की आबादी 33 फीसदी थी जो अब घटकर 6 फीसदी पर पहुंच गई है। वहीं, 1901 में मुस्लिम आबादी 66 फीसदी थी। वर्ष 1951 में मुस्लिमों की आबादी बढ़कर 77 फीसदी और हिंदुओं की आबादी घटकर 22 फीसदी पर आ गई थी। बांग्लादेश का जन्म वर्ष 1971 को भारत की मदद से हुआ। साल 1974 में बांग्लादेश मे जनगणना हुई। इसमें मुस्लिमों की आबादी 86 प्रतिशत तो हिंदुओं की आबादी 13.5 प्रतिशत रही। वहीं, साल 2011 की जनगणना के आंकड़ो के मुताबिक अभी बांग्लादेश में 8.5 फीसदी हिंदू बचे हैं। हालांकि हिंदुओं की आबादी अब घटकर 6 फीसदी पर आ गई है।
अफगानिस्तान बनने की राह पर बांग्लादेश
किसी समय बर्मा से अफगानिस्तान तक बसा हिंदू समुदाय आज भारतीय उपमहाद्वीप के कई हिंसों में न के बराबर रह गया है। यहां तक की भारत में ही कई स्थानों पर अल्पसंख्यक हो चुका है। अफगानिस्तान में हिंदुओं की आबादी खत्म हो चुकी है। वहीं बांग्लादेश भी अफगानिस्तान की राह पर बढ़ चुका है। अगर आने वाले सालों में हिंदुओं पर इसी तरह हमलें जारी रहे तो बांग्लादेश भी हिंदूविहीन हो जाएगा। बांग्लादेश में अल्पसंख्यक अधिकारों पर काम करने वाली संस्था AKS के अनुसार गत 9 साल में अल्पसंख्यकों को 3679 बार हमलें हुए।