नेशनल डेस्कः मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र से महाराष्ट्र की राजनीति में हड़कंप मच गया है। बीजेपी को महाराष्ट्र सरकार पर हमला करने का एक और मौका मिल गया है। परमबीर सिंह ने अपने पत्र में गृहमंत्री अनिल देशमुख पर गंभीर आरोप लगाया है कि उन्होंने सचिन वाझे को हर महीने 100 करोड़ रुपए वसूलने के लिए कहा था। ये उगाही हर महीने बार, रेस्तरां और अन्य संस्थानों से करनी थी। अनिल देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।
अनिल देशमुख ने कहा, ‘एंटीलिया और मनसुख हिरेन मामलें में सचिन वाझे के सीधे संबंध सामने आ रहे हैं। परमबीर सिंह को इस बात का डर है कि इसके तार उसके पास पहुंच जाएंगे। खुद को कानूनी कार्रवाई से बचाने के लिए मुझ पर ये झूठे आरोप लगाए हैं।’
भाजपा ने अनिल देशमुख के इस्तीफे की मांग
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से अभी तक इस मामले की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। वहीं, चिट्ठी पर परमबीर सिंह के हस्ताक्षर भी नहीं हैं। इसी बीच भाजपा ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख से इस्तीफे की मांग भी कर दी है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने कहा कि असल में जबरन वसूली करने वाला और कोई नहीं बल्कि महाराष्ट्र का गृह मंत्री अनिल देशमुख हैं, जो सचिन वाजे से कई बार मिलते थे। देशमुख मुंबई के क्लब और पब आदि से पैसे की उगाही करा रहे थे।
मुंबई पुलिस महकमे में ऐसे आया भूचाल
मालूम हो कि मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया के बाहर विस्फोटकों से भरी कार मिली थी। इस मामले ने काफी तूल पकड़ा था। तब के बाद से यह मामला और गहराता जा रहा है। पहले मनसुख हिरेन की हत्या, फिर असिस्टेंट पुलिस इंस्पेक्टर सचिन वाजे की गिरफ्तारी, पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का तबादला डीजी होमगार्ड में कर दिया गया। इन सब घटनाओं ने अपने पीछे कई सवाल छोड़े हैं जिनके जवाब आने बाकी हैं।
अनिल देशमुख ने डेलकर सुसाइड केस में डाला दबाव
परमबीर सिंह ने पत्र में दादरा नगर हवेली के सांसद मोहन डेलकर सुसाइड मामले में भी दबाव डालने का आरोप लगाया है। परमबीर सिंह के मुताबिक, गृहमंत्री अनिल देशमुख पहले दिन से ही चाहते थे कि खुदकुशी के लिए उकसाने का मामला दर्ज हो। जबकि मेरी राय में थी कि यदि किसी तरह से खुदकुशी के लिए उकसाया भी गया है तो भी ये मामला मुंबई की बजाय दादरा नगर हवेली में दर्ज होना चाहिए।