रक्षा डेस्कः अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में बड़े पैमाने पर सेना के तीनों अंगों जल-थल-नभ का संयुक्त युद्धाभ्यास एम्फीमेक्स -21 का आयोजन किया गया। इसमें नौसेना के जहाजों, जमीन, हवा और पानी तीनों के युद्ध में माहिर सैनिकों और वायु सेना के विभिन्न प्रकार के विमानों को शामिल किया गया।
क्षमताओं का परखना है युद्धाभ्यास का लक्ष्य
इस युद्धाभ्यास का उद्देश्य अपने द्वीप क्षेत्रों की क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भारत की क्षमताओं को परखना था। इसमें सेना के तीनों अंगों के बीच परिचालन तालमेल और संयुक्त रूप से युद्ध लड़ने की क्षमताओं को बढ़ाने का उद्देश्य भी शामिल था ।
युद्धाभ्यास में शामिल हुए आधुनिक युद्धपोत
इस अभ्यास में उभयचर लड़ाकू युद्धपोतों, निगरानी प्लेटफार्मों, समुद्र में हवाई हमले तथा जटिल युद्धाभ्यास द्वारा बहुआयामी सामुद्रिक ऑपेरशन शामिल थे । हवा से नौसेना के समुद्री कमांडोज़ का प्रवेश, सेना के विशेष बलों की हवाई प्रविष्टि, नौसेना का गनफायर सपोर्ट, ज़मीन, आकाश और जल से सैन्य बलों लैंडिंग एवं इसके बाद किए जाने वाले अनुवर्ती ऑपरेशन भी शामिल थे ।
अंडमान और निकोबार द्वीप समूह की रक्षा के लिए कवच युद्धाभ्यास भी एम्फैक्स – 21 के भाग के रूप में आयोजित किया गया । एकीकृत मुख्यालय स्टाफ के तत्वावधान में एक संयुक्त आसूचना, निगरानी और टोही अभ्यास भी एक साथ चलाया गया।