जनऔषधि केन्द्रों ने जनता के बचाए 3 हजार करोड़ रुपये, आप भी उठाएं लाभ

देश

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री जनऔषधि केंद्रों (PMBJP)ने वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान 484 करोड़ रुपये की दवाई बेची। यह गत वर्ष की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक है। इससे देश के नागरिकों की 3 हजार करोड़ रुपये की भी बचत हुई है। इस समय देश के सभी जिलों में करीब 7064 जन औषधि केंद्र हैं।

क्या होते हैं जन औषधि केंद्र

जन औषधि केंद्र में दवाएं सामान्य दवा दुकानों की तुलना में 60 से 70 प्रतिशत तक कम दामों में आम नागरिकों को मुहैया कराई जाती है। पीएम नरेंद्र मोदी ने इस योजना की घोषणा 1 फरवरी, 2015 को की थी। आज भारत के प्रत्येक जिले में 7064 औषधि केंद्र हैं।

गत वर्ष हुई थी 2600 करोड़ रुपये की बचत

वित्तीय वर्ष 2019-2020 के दौरान,भारत सरकार ने जनऔषधि केन्द्रोंको 35.51 करोड़ रुपये का अनुदान दिया था। जबकि इस अवधि में नागरिकों की 2600 करोड़ रुपये की बचत हुई थी।इस प्रकार, सरकार द्वारा खर्च किए गए प्रत्येक एक रुपये की वजह से नागरिकों को 74रुपये की बचत हुई है।

पूरे देश में महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हुएअब तक 10 करोड़ से अधिक जन औषधि“सुविधा” सेनेटरी पैड की बिक्री 1 रुपये प्रति पैड की दर से की गई है।दिसंबर 2020 में कुल 3.6 करोड़ रुपये मूल्य के जन औषधि“सुविधा” सेनेटरी पैड की खरीद संबंधी आदेश जारी किएगएहैं।कुल 30 करोड़जन औषधि“सुविधा” सेनेटरी पैड से जुड़ी निविदा को भी अंतिम रूप दे दिया गया है।

कर्नाटक में 800 जन औषधि केंद्र खोलने की है योजना

फिलहाल कर्नाटक में कुल 788 प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्र हैं। कर्नाटक सरकार का इरादा मार्च 2021 तक राज्य में कुल 800 केन्द्र खोलने का लक्ष्य है। साथ ही प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि केन्द्रों का इरादा कर्नाटक में मार्च 2021 तक कुल 125 करोड़ रुपये मूल्य की बिक्री का लक्ष्य हासिल करना है।

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