रक्षा डेस्कः रक्षा मंत्रालय ने भारतीय नौसेना के युद्धपोतों के लिए 10 लिंक्स यू2 फॉयर कंट्रोल सिस्टम खरीद के लिए भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (BEL) के साथ दिल्ली में समझौता किया। इस सिस्टम की कीमत 1,355 करोड़ रुपये है। यह लिंक्स प्रणाली स्वदेशी है। मेक इन इंडिया के तहत इसे भारत में ही डिजाइन और विकसित किया गया है। यह चौथी पीढ़ी की तकनीक है।
क्या है लिंक्स यू2 फॉयर कंट्रोल सिस्टम
यह एक नेवलशिप गन फॉयर कंट्रोल सिस्टम (GFCS)है। इसे समुद्री हलचल के बीच निगरानी करने और लक्ष्यों को सटीक निशाना बनाने के लिए विकसित किया गया है। यह हवा और जमीन के लक्ष्यों पर निशाना साधने के साथ-साथ दुश्मन के हथियारों का अनुमान लगाने के लिए आवश्यक डेटा जुटाने में सक्षम है। इसे युद्धपोत पर मौजूद मध्यम और छोटी रेंज की बंदूकों जैसे रूसी एके176, ए190, एके630 और एसआरजीएम के साथ संचालित किया जा सकता है।
गन फॉयर कंट्रोल प्रणाली है शानदार
इसकी गन फायर नियंत्रण प्रणाली को शानदार तरीके से डिजाइन किया गया है। इसके माध्यम से दुश्मन को आसानी से निशाना बनाया जा सकता है। यह प्रणाली भारतीय नौसेना के लिए विकसित गई है। पिछले दो दशकों से सेवा में है। यह भारत के विभिन्न क्लास के विध्वंसकों, फ्रिगेट, मिसाइल बोट, कोरवेट इत्यादि भारतीय नौसेना के जहाजों की सामरिक जरुरतों को पूरा कर रही है।
विदेशों पर निर्भरता होगी खत्म
GFCS की स्वदेशी तकनीक विकसित होने पर भारत की विदेशों पर निर्भरता खत्म हो जाएगी। इस सिस्टम को एनओपीवी, तलवार और टीजी क्लास के जहाजों पर लगाया जाएगा। प्रणाली में शामिल निगरानी रडार, सर्वो और हथियार नियंत्रण मॉड्यूल सभी को पूरी तरह से बीईएल द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है। स्वदेशी तकनीक से विकसित यह प्रणाली अधिकतम समय तक कार्य करने के साथ-साथ इसके लंबे समय तक इस्तेमाल की गारंटी को सुनिश्चित करेगी।