गुरू बिन ज्ञान नहीं, गुरू बिन ध्यान नहीं,
गुरू बिन सही-गलत की पहचान नहीं,
गुरू घर भेद नही, गुरू से विच्छेद नहीं,
गुरू एक आस है, गुरु विश्वास है,
गुरू रक्षक है, गुरू मार्गदर्शक है,
गुरू रक्षक है, गुरू मार्गदर्शक है,
गुरू-शिष्य हर संबंध से खास है,
गुरू कड़ी धूप में शीतलता का एहसास है,
गुरू उर्जा पुंज है, गुरू विचार कुज है,
गुरू जीत का दांव है, गुरू डुबते की नाव है
गुरू एक कृतिक है, गुरू ही संस्कृति है
गुरू का कोई मेल नहीं, गुरू बनना कोई खेल नहीं।।