अपनी पहचान की तलाश में निकल पड़ा हूँ
अपनी पहचान की तलाश में निकल पड़ा हूँ, मंजिले न सही रास्ते तो है, क्यों रोक रखा था मैंने खुद को, औरो के लिए, जाने के बाद कौन याद रखता है, रास्ते के सहारे मंजिले कब तक ढूंढेगे, जब रास्ते ही मंजिले बन जाए, तो क्या कहने, कौन चला है किसके पीछे,, बस एक भीड़ […]
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